Book Title: Sambodhi 1989 Vol 16
Author(s): Ramesh S Betai, Yajneshwar S Shastri
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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सेद्धा वम्मा मुट्टिइण सब विणु सत्ति ण वावरइ सिव-सत्तिहिं मेलावडा सुक्खअडा दुइ दिवहडई सुण्णं ण होइ सुण्णं मुहपरिणामहिं धम्मु वढ सो जोयउ जो जोगवइ
सो पत्थि इह पएसो हउं गोरउ हउं सामल हां वरु बंभणु ण वि वासु हर सगुणी पिउ णिग्गुण हत्थ अहुदहं देवली हलि सहि काई कर हृयवहि णासि ण सक्कियउ
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महत्त्वपूर्ण शब्दोनी सार्थ सूची
... ( अंक गाथानो क्रमांक दावि छ )
अंकय १७७ (अकृत ?) अपूर्व अंच-१३९ (अर्च् ) पूजधुं अक्खर ९७, १२४, १४४ अक्षर अक्खरड ८६ अश्वर (+ड लघुतादर्शक) अक्खरवडिया १७३ अक्षर-पाटी अखअ ४२, १६९ अक्षय अग्गई १७५ (अग्रे) आगळ अग्घडि १५१ पूजा-स्थळ अछेउ . ९० उच्छेद (?) अछोप १३९ - अस्पृश्य अणक्खर १२४ (अनक्षर) अक्षय अणुपेहा २११ (अनुप्रेक्षा) चिंतन, स्वाध्याय
विशेष अडवड ६, अडवडवड १४५ आडुअवळू अवियडु ११४ -आडाअवळा अत्थवण १६८, १८३ अस्तमन अप्पणिया १८० (आत्मीया) पोतानी
(हिं. अपनी) अम्मिए ५१, १५५, १८७, १९६ आदि.
आश्चर्यसूचक संबोधनात्मक अव्यय अयाण ७, २१३ (अज्ञान) अजाण अरु १८१ (अपरं) अने अलक्ख २८८ (अलक्ष्य)
अवधउ १४८ (अ-वध-अहिंमा ?) अवराई १५१ अपर-अटवी ? अवरु १७५ (अपर) अन्य अवरुपपरु २५ (अपगपर) परस्पर अहुट १४ (अर्धचतुष्ठ) माडात्रण, ऊंद आण-(आणी ९५, आणइ १६५)
(आरा-नयू ) आणवू आयइ ६ (आपद) आपनि आयई१४४ (एतानि) आ इत्थु ४१ अन इम २११ (एवम् ) म
२३, ०६ (इह) अहीं इह १२७, १५५, १८६ (तत्) आ,
हिं. यह उग्गउ १७३ (उद्गत) उग्यो उट्ट १५८ (उष्ट्र) ऊँट उट्टिय १०९ ओटेलु उपलाण ४२ (उत्प्लानयू) बंधन काढी
नाखवू, पलाण छोर्बु उप्पज्ज-८२, १४८(उत्पद -कमणि) ऊपजवं उप्पाड-१४३ सुखाइ उब्भअ ३४, ३५ उद्भव उमाहिया ११३ उत्कंटिन ?
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