Book Title: Sambodhi 1989 Vol 16
Author(s): Ramesh S Betai, Yajneshwar S Shastri
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 307
________________ वंदअ ३२ बन्दक, बौद्ध साधु ? (जुआ परमप्पयास १.८२, टीका) वक्खाणड ८४ व्याख्यान+ड वच्छ १६१ वृक्ष वह ११५, वडिय ४७,११४ वाट+डी वडवड-६ बडबडवू बढ २,२२,६४ ब० मूर्ख वम्म (? वण्ण) १५७ वर्ण ? वयल्ल १३२ ककळाट वलि वलि १८९ वळी वळी वाड १०६, १३० वाड विझ १५५ विन्ध्य पर्वत विग्गुत्त १५४ (विगुप्त) वगोवायेलं विच्चे १८८ वच्चे विडाविड १९९ अंधाधुंध, आडुअवलं : विढप्प- १९ (व्युत्+पद्) व्युत्पन्न थर्बु विणड १९६ नडवू वियाल १८२ (विकाल) सांज विमीसिय ६७ (विमिश्रित) भेळसेळवाळु विरोलिय १४७ विलोडित, मथित विल्लडिय ११२ (वल्लि+डी) वेली, वेलडी . विल्लि १७४ वेली विवरेर १२५ विपरीत विहडिय ७३ विघटित, छुट्टे पडेल विहत्थ ८६ (विहस्त)-थी युक्त हाथ वुणण १०९ वणवानी क्रिया (हिं. बुनना) संधुक्क ८७ संधुक्षित प्रदीप्त सक्किय १४९ शक्यु सडुच्छलइ १५७ (१) सत्ताव - ६४ सतावg सत्तिसिउ ५३ शक्ति+शिव समउ २१५ (समक) साथे समित्ति १६५ संतोष (?) सम्माणउं १३९ साथे सल्लड ७४ शल्य+ड सव ८९ सर्व सालिसिथ ५ शालिसिक्थ, एक प्रकार नो कीडो साधय ९६ (श्वापद) जानवर साहि १२० (१) सिउ ३८ शिव सिज्ज-२१३ सीवद्यु सिद्ध २१५ सिद्ध थयेलु, प्राप्त सिव-तत्त १२१ शिव-तत्त्व सिस्सिणी १७४ शिष्या सिह-हुँ ६४,११०,१२७ २० सह सुईणं ९८ श्रतिनो, शास्त्रोनो सुणह १९५ (शुनक) कुतरूं सुम्म- १६८ (श्रु-कर्म०) संभळावू सेवड ३२ (श्वेतपट) श्वेताम्बर' साधु हलोल २२० हिल्लोल हिमकरण १ (हिमकिरण) चन्द्र

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