Book Title: Sambodh Prakaran Part 03
Author(s): Rajshekharsuri, Dharmshekharvijay
Publisher: Arihant Aradhak Trust

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Page 344
________________ Jain Education International निरपेक्षा- | आचार्य- | आचार्य- | उपाध्याय | उपाध्याय | गीतार्थ गीतार्थ । गीतार्थ अगीतार्थ | अगीतार्थ निरपेक्षा | कृतद | कृतकरण | कृतकरण | ऽकृतकरण | कृतकरण | अकृतकरण| स्थित | स्थित- | ऽस्थित આલોચના અધિકાર अकृतकरण | अकृतकरण| कृतकरण पारांच उनवस्थाप्य | नवस्थाप्य मूल ___मूल वी अनवस्थाप्य __ मूल For Personal & Private Use Only मूल __छेद ૩૨૯ www.jainelibrary.org

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