Book Title: Samayik Author(s): Mahapragna Acharya Publisher: Adarsh Sahitya Sangh View full book textPage 8
________________ एकाग्रता सिद्ध होने पर चार घंटे का कार्य दो घंटे में संपन्न हो जाता है, फिर खूब व्यस्त होने की अनुभूति नहीं होती । ___ अपेक्षा केवल संकल्प की है । युवक सामायिक की साधना कर परिपक्व अवस्था जैसी गंभीरता का अनुभव कर सकता है । वृद्ध व्यक्ति सामायिक की साधना कर युवक जैसी स्फूर्ति का अनुभव कर सकता है । सामायिक क्लब ने सामायिक का व्यापक अभियान शुरू कर समाज के सामने नयी दिशा उद्घाटित की है । प्रयत्न की सफलता अपने जीवन की सफलता है । प्रस्तुत पुस्तक के संपादन में मुनि धनंजयकुमार ने तथा संकलन में मुनि वीरेन्द्रकुमार ने निष्ठापूर्वक श्रम किया है । जैन विश्व भारती, -आचार्य महाप्रज्ञ लाडनूं-३४१ ३०६ १ जनवरी १९९६ Jain Education International Jain Education International For Private & Personal use only For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org w jaimelibaPage Navigation
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