Book Title: Samayik
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

View full book text
Previous | Next

Page 2
________________ सामायिक की निष्पत्ति है ध्यान और ध्यान की निष्पति है सामायिक । ध्यान और सामायिक के बीच भेदरेखा खींचना बहुत कठिन है। दोनों का बाहरी आकार भिन्न है, अंतरात्मा एक है । सुख-दुःख, जीवन-मरण लाभ-अलाभ, निन्दा - प्रशंसा इन सब घटनाओं में सम रहना, अप्रकंप रहना साधना का सर्वोच्च शिखर है। इस शिखर पर आरोहण करने का साधन है, सामायिक । हिंसा, असत्य, संग्रह - ये सब मनुष्य को विषमता की ओर ले जाते हैं। इनसे मुक्त होने का अभ्यास है सामायिक | कलह, दोषारोपण, चुगली, निन्दा, मिथ्या दृष्टिकोण ..ये सब मानसिक शान्ति और सामुदायिक शान्ति के विघ्न है। इन विघ्नों के निवारण की साधना है सामायिक | ein Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org


Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 ... 198