Book Title: Samay ke Hastakshar
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jayshree Prakashan Culcutta

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Page 57
________________ सृष्टि का सन्त नागरिकता का पालन विषमता का अन्त है वह सृष्टि का सन्त है। परिशुद्ध नागरिक कहाँ चाहिये ? क्यों, किधर चाहिये ? विजय-मंच की देहरी पर पहुँचने के लिए, युग को समस्या के हल के लिए, संसार में शान्ति के लिए । आत्म - विजय सच्ची विजय है समस्याओं का निराकरण धर्म है शान्ति जीवन का लक्ष्य है यही नागरिकता का रहस्य है। ४० Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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