Book Title: Sabha Shrungar
Author(s): Agarchand Nahta
Publisher: Nagri Pracharini Sabha Kashi

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Page 373
________________ रागकर हंसगर्भ मुक्ताफल विद्रुम ( ३१६) ___ पंचर, पंचरत्तिरस, छमाणिक्य, रसपाचक, रसरूप औषध, वेपथ, इत्याटि धातु नाम, (वि०) ६६-चाँदी का कटोरा उघसियं नीवसिव पोतासियं चोख चमख ऊजलं नीमल जसं पूनिम तणउ चन्द्र मंडलु क्सिड रूपा नउँ कचोलउ । (पु० अ०) ६७ रत्न (१) पद्मराग पप्पराग मकरतमरि कर्केतन चन्द्रकांत सूर्यकांत जलकांत नील महानील इंद्रनील विमवकर ज्वरहर रोगहर शूलहर विषहर हरिन्मणी चूनी लोहिताक्ष मसारी नल अक अजनरिष्ट अहिमणि चिंतामसि । इति रत्न जाति नामानि ।। (१२४ नो०) ६८ रन [२] इंद्रनील । महानील। पद्मराग । पुष्प राग | लोहिताद । कर्केतन । मरासगल्ल । पुलक । कौस्तुभ । सश्रीक । रनाकर । श्रीपति । देवानंद । पुष्टिकर। ज्योतिकर। गुणमालि। सोगधिक। कर्कोटक । हस-गर्भ । अक । वरिष्ट । शिवप्रिय । सौभाग्य कर | विषहर । अजन । पुलक । अरिष्ट । अमालि। तिकर। सूरल । शत्रुहर । जल निलय । पटक । नुभग । चद्रकाति । सूर्यकाति। वैद्य । सूर्यमणि । चद्रप्रभ । सागर प्रभ। भद्रंकर । प्रभंकर । मद्रंकर । अशोक । प्रमा नाय { इत्यादि रत्त ॥ छ। (पु० ६६ रत्न [३] नील, महानील, चन्द्रकांति, सूर्यकान्ति, वज्र, पैडर्य, कर्केतन, ज्योतीरस, सौगधिक, प्रमुख अशेष, रत्न विशेष । (पु० अ०) ७० रत्न [४] चिंतामणी, वैर्य, सूर्यकान्त, चन्द्रकान्त, जलकांत, कर्केतन, नील सासग, लोहिताक्ष, मसारगल, हसगर्भ, पुलक, प्रवाला, सौगंधिक, सुभग, स्फटिक

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