Book Title: Sabha Shrungar
Author(s): Agarchand Nahta
Publisher: Nagri Pracharini Sabha Kashi
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पाठ भेद की टिप्पणियाँ १ अतिरिक्त नाम तथा पाठान्तर-पृ० ७-(चुतुर्विंशति देशा) (२०)
काशी, कर्णाट, गोला, साड्वल, लाम, पुंड, उद्दड, विहार, उड्डीस लोहित, जालंधर, मरुस्थल, माल, सपादलक्ष, टक, महाभोज, चीण, महाचीण, तुरुष्क, नायक, वरदेव, संख, सहज, चित्रकूट, दक्षिण, चौडु, तिलंग, द्रविड़ ।
पृ. ८ (२१)द्वात्रिश लक्षणानि-अतिरिक्त नाम तथा पाठान्तर
तनु, वैद्य, नृत्य, रूप, जोतिर् , सर्प, वृष ।
पृ८, चतुर्विशति विध गृह-
सौध, काडास्थान ।
(२२)
पृ. ६ अष्टोतर शव मंगला नि- (२३)
निन, रुद्र, बुध, तीर्थ, देवपुराण, तांबूल, शौचन, पठस्थान, तिलक, वेद, अश्वत्य, उन्मत्तफल, वेणु, स्वस्तिक, वोमर, चापा, स्तुति, गोष्टान बुद्धि, सिद्धि, विद्रुम, कुसुम, किंकिणी, आभरण, अलकतक, कुकम
सिन्धु, रिद्धि, सिद्धि, प्राति । पृ. ६. स २४
२ उचित दान, भक्तिदान पृ. ६. सं. २५
१ बन रंजन पृ. ६ सं २६ -
१ वृद्धजनकार्ति, वर्णकीर्ति, शौर्य कीर्ति, पृ.६ सं २७ -
कंग, दौर्मन, स्यक्तिा, धृति, विलक्षणता, विक्क, अनुरस्ति
त्रास, प्रवासिक। पृ. १० सं ३.
(१) सात्वती। पृ.१. सं. ३३
सतुट, क्रीडावान, सत्यप्रिय, सुजन, सुगंधर्व, महोत्तम,सुपात्र, संग्राही ।

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