Book Title: Rushabh Panchashika
Author(s): Dhanpal Mahakavi, Hiralal R Kapadia
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

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Page 310
________________ * शब्द-सूची २७७ दृश् दाविअ १०, दाविजसु ४९; दिट्ट | निअम [नियम ३,९,१७,२७,३२,४६,४७,४८ निओग [नियोग, निगोद] देव देव] निंदा [निन्दा] देवत्तण [देवत्व निक्खंत [ निष्क्रान्त] देवय (masc.) [देवता] निष्फल [निष्फल]] देस देश] निरंतर [निरन्तर दोगच्च [दौर्गत्य] निरभिमाण [निरभिमान दोस [दोष निराहार [निराहार] निवह [निवह धण [धन] निवाय [निपात धणबाल [धनपाल] निव्वडिय धा० पद् धणु [धनु] निव्वविअ धावा धन्न [धन्य | निस्संद [निःस्यन्दा धम्म [धर्म] नि[अ]सामन्न [निःसामान्य] धम्मसारहि [धर्मसारथि निहि [निधि] धारा [धारा] नी निंत २७; निति ३१,३३ धीर [धीर] नीहार नीहार] धुरा [धुरा नूणं [नूनम्] धुव [ध्रुव] पउर पौर] धृधरिअ [प्रचुर] ध्या with नि निज्झाइअ पओत्थ [प्रोषित] १४,२१,२४,३१,३२,३५,३८,३९,४८ पंकय [पङ्कज] नन्द नंदामि पञ्चल [प्रत्यल]] नम् ओण पडिवक्ख [प्रतिपक्ष नमि नमि] पडिवत्ति [प्रतिपत्ति] नमो [नमस्] पडिहत्थ [परिपूर्ण] नय [नय पढम [प्रथम] नयर [नगर] पत् पडिअ ४२; with निस् निव्वडिय ३७, नरिंद नरेन्द्र] ___ef. निवाय ४४ नलिण [नलिन पत्त [पत्र नवरं नवरं] " [पात्र नवरि नवरं, केवलम्] , [प्राप्त] धा० आप् ८,२२,४२,४५ नश् नट्ट पद् उप्पन्न १६, पडिवन्न ११; पवन १३ ना(णा)डअ [नाटक पय [पद ] cf. अट्ठावय नाण [ज्ञान २,१६ पयत्थ [पदार्थ नाणा [नाना] पया प्रजा नाणावरण [ज्ञानावरण] १३, ३९, ४१ नाह [नाथ] ५,२१,३०,४०,४८ परम परम] ३४ नाहि नाभि | परिग्गहिअ [परिगृहीत ] ४० ૧ નરજાતિ. ४५ न * * * * * * * ३७ ४४ पर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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