Book Title: Rushabh Panchashika
Author(s): Dhanpal Mahakavi, Hiralal R Kapadia
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

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Page 311
________________ २७८ .. पि शब्द-सूची परिवेढि [परिवेष्टित] भञ् भग्ग पलाय [पलायित] भंजण [भजन पलीविअ धा० दीप भण् अभणंत पल्लट्ट [परिवर्त ४७ भत्ति [भक्ति] पल्लविल्ल पल्लव 'suffix इल्ल भद्द [भद्र] पल्लिआ [प्रेरिता भमर [नमर पवयण [प्रवचन] २७,३७ भय [भय] ४८,५० पसर प्रसर] २३ भरह [भरत पहरिस [प्रहर्ष ४ भव भव] २८,४२,४३,४५,४७,४८,५० पहु प्रभु भविअ [भव्य पायव भाइ [भागिन् ] पास पिार्श्व भिद् भित्तूण [अपि] १७, २५, ३८, ३९; cf. वि पिअ प्रिय मुहुत्त [मुहूर्त] पिच्छंता पश्यन्तः] मेह [मेघ भी भी ३५, ३७ २८,४८ पुण. [पुनर] पुणो वि [पुनरपि] भुवण [भुवन पुत्त [पुत्र] भू भव ५०; हुंति २१,२८,३२,३४, हुंतु ३६,३८; पुरिस [पुरुष]; cf. सप्पुरिस होइ १४, होही ३५; अणुभूअ ४४ २९ पूआ [पूजा] भ्रम् भमंति २९; भमि ४८ पेरंत पर्यन्त मइअ [मय] पोअ मा instr. मए ५०; gen. मज्झ २२; मह प्रकट पयडेइ ३६; gen. pl. अम्हाणं प्रार्थ पत्थेति ४९; cf. अपत्थिा मइ [मति फल [फल] ३६, ५०; cf. निष्फल १४ मग्ग [मार्ग] फलअ [फलद] मच्छ मत्स्य [फलक मच्छरि [मत्सरिन्] बज्झंत २९; बद्ध ४, ३३ मजण [मजन बंध [बन्ध] ३२ मज्झत्थ [मध्यस्थ] [बन्धु] मण [मनस्] २१,२४,२७,३९ बहुसो [बहुशस्] मणि [मणि]] बाल [बाल बालसायंति [बालिशायन्ते] मणुस्स [मनुष्य बाह [बाष्प] मन् मन्ने बिंदु [बिन्दु मंत [मन्त्र] [बुद्धि] मंद [मन्द मय बोहि [बोधि मयच्छी [मृगाक्षी बोहित्थ [बोहित्था मयण [मदन] [भङ्ग] मरण [मरण] विहत्त मलिण मलिन भ्रंश भट्ट ४३ ३२ बन्धु बंधु ५० बुद्धि बुह भंग १ प्रत्यय. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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