Book Title: Rushabh Panchashika
Author(s): Dhanpal Mahakavi, Hiralal R Kapadia
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

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Page 313
________________ सारहि सारथि] २७ समस ૨૮૦ शब्द-सूची शम् उवसामि शुभ् सोहसि १२; ef. सोहा सारि शारि] शुष् सोसिअ सिंगार शृङ्गार] श्वस् with उद् ऊससंत | सिच् सिंचंत ४७;अहिसित्त८; f. अभिसेय ९ संसार [संसार सिप्प [शिल्प सइ [सदा] सिरि श्री] संकहा [सङ्कथा] सिव [शिव] संखला [शृङ्खला] सिहि [शिखिन् ] सचेयण [सचेतन सीअ [शीत संठाण [संस्थान सीस [शीर्ष सत्त [सत्त्व सीसामेल [शीर्षापीड संताव [सन्ताप संनिह [सन्निभ] सुक्ख [सौख्य सुतिक्ख सुतीक्ष्ण] संनिहिअ सन्निहित] सुन्न [शुन्य सप्पुरिस सत्पुरुष सुर [समम्] ५, १८,४६ [सुर] सुह [सुख समण [समनस्] सूर सूर्य " [श्रमण सृज विसजिअ समय तस्या समयन्नु [समयज्ञ समिद्धि [समृद्धि] सेअंस श्रेयांस] समुच्छाइअ [समुच्छादित] सेल [शैल] समुद्द समुद्र] सेवा [सेवा] १४, १८, ३५, ३६ समुन्नइ समुन्नति] सेसा [शेषा] समोसरण [समवसरण] सोहा शोभा ५० संपइ स्तु [सम्प्रति] स्थर ठविअ संपया [सम्पद्] स्था संपुड ठायंति२७;f.अप्पइट्ठाण,ठाण, संठाण, [सम्पुट सयं [स्वयम्] थल, थिर, मजहत्थ, हित्थ सयल फुरंत २४, फुरिअ ७ [सकल पसुत्त सर स्वप् [सरस्] हरंति ३९; हीरंत ३२; cf. ववहार १० सरण [शरण] सरिस [सदृश [गृह सलिल [सलिल सविम्हयं [सविस्मयम् ] [हरि] ९, २५ सव्व [सर्व हरिस [हर्ष] २१; ef. पहरिस ४ सव्वत्थ [सर्वार्थ] हीण सह सहिअ हास हास २२, २४ साध् साहंति १३; पसाहिब १२ हित्थ हीस्थ] सामिअ [स्वामिक] हु [खल] सारणि [सारणि] ह हीरंत Parmar mmm २५ २० थुअ १७ हरि हा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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