Book Title: Rushabh Panchashika
Author(s): Dhanpal Mahakavi, Hiralal R Kapadia
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

View full book text
Previous | Next

Page 308
________________ 12908 खण Wom १६ उण्ह [उष्ण] उप्पह [उत्पथ] उम्मुह [उन्मुख उल्लिअ [उत्पन्न] उस्सप्पिणी [उत्सर्पिणी] ऊससंत [उच्छसत्] ऊह 'with वि वूढ ओणअ [अवनत] ओह [ओघ] क को ११; किम् कइआ [कदा] कज [कार्य] कजल [कजल] कणग [कनक] कण्ण [कर्ण] कप्प [कल्प] कप्पतरु [कल्पतरु] कप्पदुम [कल्पद्रुम] कप्पपायव [कल्पपादप] कमल [कमल] कम्म [कर्म] कयत्थ [कृतार्थ] कलत्त [कलत्र] कलाव [कलाप] कवाड [कपाट] कसाय [कषाय] कसिण [कृष्ण] कहवि [कथम् अपि] काल [काल] कालचक्क [कालचक्र] कित्तिय [कियत्] MM29 Marawa aav 824nav शब्द-सूची ૨૭૫ | केवलि [केवलिन्] २१,३८ कृ कय ९, १०, १८, ३३, ४६, करंति ३९, कुणइ १७,४०, cf. कज १३ क्रम् निक्खंत क्षि [झिजामि] क्षिण] २०,३९,४० खेअर [खेचर] गण [गण] गंठि [ग्रन्थि] गम् गय ३,२१; आगय १८,४३; उग्गय १६; परि गय ४७; ef. दोगच्च ४६ गयण [गगन] गय [गज] गरुअ [गुरुक] गल् विअलिअ गाम [ग्राम] गामणी [ग्रामणी] गिरि [गिरि] गुण [गुण] २,२२ गुरु [गुरु] गुरुअ [गुरुक] १४ गुह् उपगूढ ग्रह गहिअ १९,३०, परिग्गहि घट्र विहडंति ४ विहडिय घड [घट] घडि [घटी] घण [घन घर [गृह] ५, cf. कुलहर २ २० च ४८ cf. य ८, २०, ४६ चक [चक्र] १७,२८; cf. कालचक्क ७ [च चंद [चन्द्र चंदायव [चन्द्रातप] चलण [चरण] चारय [चारक] चिंता [चिन्ता] चिर [चिर] चूडा [चूडा] चूडामणि [चूडामणि ३४, ५० १०, ४९ घोलंत [प्रेतत्] २,८,२० १४,२८ s कुलगर [कुलकर] कुलवइ [कुलपति कुलहर [कुलगृह] कुसल [कुशल कुसुम कूवय [कूपक] केवल [केवल] ૧ સાથે. or or Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 306 307 308 309 310 311 312 313 314