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उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि स्मृति-ग्रन्थ उसे द्रव्य क्षेत्र आदि की अनुकूलताएँ मिलती हैं, जिसके बल पर धर्मपत्नी का नाम सौ. कमलेशदेवी है। आपके चार सुपुत्र हैं वह महानता की सीढ़ियाँ चढ़ता है।
शिवकुमार, आकाश, विश्वास और दीपक तथा तीन पत्रियाँ हैं सौ. मूलतः डेह (जिला नागौर-राज.) निवासी श्री कंवरलाल जी
प्रेमा, सौ. किरण और सौ. रेखा। आपका पूरा परिवार धार्मिक बेताला एक धर्मप्रेमी, उदार हृदय, साहसी और समाज के कर्मठ
भावना लिये हुए है। परम श्रद्धेय उपाध्यायश्री के प्रति और कुशल व्यक्तित्व के धनी श्रावक थे। स्व. युवाचार्य श्री मधुकर जी
आचार्यश्री के प्रति आपकी अनन्त आस्था है। आपको कार्य करने में म. के परम भक्त और आगम प्रकाशन योजना के विशिष्ट सहयोगी
विश्वास है नाम में नहीं, युवकोचित जोश और होश के धनी हैं, थे। अनेक संस्थाओं तथा सामाजिक कार्यक्रमों में उन्होंने उदार मन
आप जैसे उत्साही और कर्मठ व्यक्तियों पर समाज को गौरव है। से सहयोग प्रदान किया।
प्रस्तुत ग्रंथ के प्रकाशन में आपका सहयोग प्राप्त हुआ है, तदर्थ
आभारी। आपके व्यवसाय केन्द्र मेरठ में "एवरेस्ट लेबोरेटरीज" श्री कंवरलाल जी के पिताजी का नाम श्री पूनमचन्द जी एवं
और उदयपुर में “एवरेस्ट एण्टरप्राइजेज" के नाम से है। माताजी का नाम श्रीमती राजाबाई था। श्री दुलीचन्द जी, 2000 माणकचन्द जी, मदनलाल जी, किशनलाल जी आपके भाई तथा स्व. श्रीमती भंवरीबाई व श्रीमती गणेशीबाई आपकी बहिनें हैं।
श्री शांतिलाल जी सुराणा : हुबली आपकी धर्मपत्नी का नाम है श्रीमती बिदामदेवी। आपके पुत्र
विश्व के चिन्तकों के सामने एक बहुत ही गम्भीर प्रश्न रहा है का नाम है श्री धर्मचन्द जी तथा पुत्रवधू है सौ. मोहनीदेवी। सौ.
कि जीवन क्या है ? विभिन्न चिन्तकों ने विभिन्न दृष्टियों से प्रस्तुत कान्तादेवी व सौ. भान्तादेवी आपकी पुत्रियाँ हैं। श्री महेशकुमार व ।
प्रश्न पर चिन्तन किया और विविध समाधान भी प्रस्तुत किए हैं। श्री मुकेशकुमार आपके पौत्र तथा सौ. संगीतादेवी पौत्र वधू हैं। श्री । केवल तन मिलने से ही मानव-मानव नहीं कहलाता किन्तु तन के महेशकुमार जी के पुत्र का नाम है अभिनन्दन।
साथ मन का मिलना भी अधिक महत्त्वपूर्ण है-जिसका मन उदार है.
और सद्गुणों से मंडित है वही सच्चा व्यक्ति है और उसी का _आपका गोहाटी में लगभग १०० वर्ष से मोटर फाइनेंस का
जीवन सफल है। प्रस्तुत कसौटी पर जब हम शांतिलाल जी सुराणा व्यवसाय है। इन्दौर में भी आपका व्यवसाय है। प्रस्तुत ग्रन्थ के
के जीवन को कसते हैं तो वे एक सच्चे मानव नजर आते हैं। प्रकाशन में आपके परिवार द्वारा आर्थिक अनुदान प्राप्त हुआ,
उनका हृदय बहुत ही उदार और विशाल है और सदा ही गुरुभक्ति तदर्थ हार्दिक आभारी।
में तत्पर रहे हैं। श्री सुन्दरलाल जी सा. बागरेचा : मेरठ बाड़मेर जिले के खण्डप ग्राम में आपका जन्म हुआ जहाँ पर 9 भारत के तत्वदर्शियों ने जीवन के संबंध में चिन्तन करते हुए
आचार्यसम्राट् श्री देवेन्द्र मुनि जी म. ने संयम साधना के पथ को तु कहा-जीवन उनका सार्थक है जो उदार होते हैं जो अपनी संपत्ति
स्वीकार किया था। आपके पूज्य पिताश्री का नाम बादरमल जी था ता का जन-जन के कल्याण हेतु समर्पण करते हैं। मेवाड़ की पावन
जो बहुत ही सरलमना सुश्रावक थे और आपके एक भ्राता हैं 6 पुण्य धरा में आपका जन्म हुआ और व्यवसाय के लिए आप उत्तर
जिनका नाम सुमेरमल जी है। आपका व्यवसाय केन्द्र हुबली भारत में मेरठ पहुँचे। अपनी व्यावसायिक प्रतिभा से व्यवसाय दिन
(कर्नाटक) में है। आप अगरबत्ती के एक जाने-माने व्यवसायी हैं। 785 दूना और रात चौगुना चमकने लगा। आपके पूज्य पिताश्री का नाम ।
प्रस्तुत ग्रंथ के प्रकाशन में आपने उदारता के साथ सहयोग प्रदान 600 कजोड़ीमल जी है और मातेश्वरी का नाम सुहागबाई है। माता-पिता
किया, तदर्थ हार्दिक आभारी। SED के धार्मिक संस्कार आपके जीवन में विकसित हुए। आप छह भाई परम श्रद्धेय उपाध्यायश्री और आचार्यश्री के प्रति आपकी PORNO
3D हैं स्व. रूपराज जी, लक्ष्मीलाल जी, कन्हैयालाल जी, गोकुलचंद जी | अनन्य निष्ठा रही है। आपका पूरा परिवार ही आचार्यश्री और *
और मांगीलाल जी और एक बहिन श्रीमती वरदीबाई है। आपकी उपाध्यायश्री के प्रति निष्ठावान रहा है।
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