Book Title: Pushkarmuni Smruti Granth
Author(s): Devendramuni, Dineshmuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 836
________________ heb000.0000000000 6. 2 एल00000 CONOTIONOR 4002066060099 80030.00SDAY 0000000008 9068 PROO 290:06 12.00 1६७८ ODU 10000 DOD 07 उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि स्मृति-ग्रन्थ । श्री रवीन्द्रकुमार जी जैन : बम्बई मीठालाल जी की धर्मपत्नी का नाम भंवरीबाई है। उनके भावेश और कुणाल दो पुत्र एवं पिंकी एक पुत्री है। श्री रवीन्द्रकुमार जी जैन एक तेजस्वी युवक हैं। आप | राजस्थान में समीचा के निवासी रहे हैं। आपके पिताश्री का नाम कालूलाल जी की धर्मपत्नी का नाम चम्पादेवी है और आपके देवीलाल जी और मातेश्वरी का नाम हमेरबाई तथा धर्मपत्नी का पाँच सुपुत्रियाँ हैं। नाम सोनीटेली। आपकेतीन भाई-मांगीलाल जी चुन्नीलाल जी सा. कसारा के लघु भ्राता का नाम दीपचंद जी 5 नन्दलाल जी और प्रकाशचंद जी। आपके एक पुत्र और दो पुत्रियाँ । है। उनके दो पुत्र हैं-मोहनलाल जी और कांतिलाल जी। मोहनलाल हैं। पुत्र का नाम राहुल और पुत्रियों के नाम दीपा और श्वेता हैं। जी की धर्मपत्नी का नाम उल्लासदेवी है। उनके कमलेश एक पुत्र है। आपका व्यवसाय केन्द्र बम्बई है। तथा अमिता और अविता दो पुत्रियाँ हैं। आप वर्द्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, ठाकुरद्वारा के कांतिलाल जी की धर्मपत्नी का नाम ललितादेवी है। उनके पुत्र अध्यक्ष व उत्साही कार्यकर्ता हैं। का नाम नितेश और पुत्रियों के नाम पूजा और पप्पी हैं। आपका आचार्य श्री देवेन्द्र मुनि जी म. के प्रति आपकी अपूर्व निष्ठा व्यवसाय "महालक्ष्मी प्रोवीजन स्टोर" के नाम से विरार में है। आपका पूरा परिवार श्रद्धेय आचार्यश्री और उपाध्यायश्री के प्रति PARDA है। आपसे समाज को बहुत आशाएँ हैं। प्रस्तुत ग्रंथ के लिए आपका FODD हार्दिक सहयोग प्राप्त हुआ, तदर्थ हार्दिक आभारी। पूर्ण आस्थावान् रहा है। प्रस्तुत ग्रंथ हेतु आपका आर्थिक अनुदान प्राप्त हुआ, तदर्थ हार्दिक धन्यवाद।। GoD श्री मेघराज जी बेताला : बैंगलोर श्री मोहनलाल जी सा. भोगर : सूरत ओसवाल समाज में अनेक गोत्र हैं। कहा जाता है कि १४४४ श्री मोहनलाल जी सा. भोगर बहुत ही उत्साही धर्म-परायण गोत्र हैं उनमें से बेताला भी एक गोत्र है। इस गोत्र के संबंध में इस प्रकार की किंवदंती है कि सबसे पहले तो लोग अपने मकान में परम गुरुभक्त सुश्रावक हैं। आपके पिताश्री का नाम भंवरलाल की भोगर और मातेश्वरी का नाम केकुबाई है। आपकी धर्मपत्नी का ताले नहीं लगाते थे। जब ताले लगवाने प्रारंभ हुए तो एक ताला नाम चम्पाबाई है। आपके चार पुत्र हैं-मांगीलाल जी, जसराज जी, लगता था पर किसी ने दो ताले लगाए तो वह बेताला के नाम से विश्रुत हुआ। इसी परिवार में जन्मे मेघराज जी सा. बेताला। आप नरेशकुमार जी और हितेषकुमार जी।। राजस्थान में नागौर के निवासी हैं और व्यवसाय हेतु कर्नाटक में ___ मांगीलाल जी की पत्नी का नाम मधुबहिन है। उनके एक पुत्र DIGIगलो में आपका व्यवसाय आपके सपत्र कातिकमार जीव विवेक और एक पुत्री विम्मी है। 1060 राजेन्द्रकुमार जी। आप परम श्रद्धेय उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि जी जसराज जी की पत्नी का नाम सीमादेवी है और उनकी पुत्री म. के अनन्य श्रद्धालु रहे हैं। श्रद्धेय उपाध्यायश्री के प्रति आपकी का नाम पप्पीकुमारी है। अनन्य आस्था थी। आपका पूरा परिवार श्रद्धेय आचार्यश्री के प्रति मोहनलाल जी के सात बहिनें हैं-दाखूबाई, रोशनबाई, निष्ठावान रहा है। प्रस्तुत ग्रंथ के प्रकाशन में आपका आर्थिक शांताबाई, टालीबाई, पानीबाई, पुष्पाबाई और लीलाबाई। आप अनुदान प्राप्त हुआ, तदर्थ साधुवाद। राजस्थान में जसवंतगढ़ के निवासी हैं। आपका व्यवसाय सूरत में श्री चुन्नीलाल जी दीपचंद जी कसारा : विरार "शाह अनिलकुमार मोहनलाल एण्ड कम्पनी" के नाम से है। आप गुरुदेवश्री के परम भक्तों में से थे। प्रस्तुत ग्रंथ हेतु आपका अनुदान जिनका हृदय फूल की तरह कोमल है और जिनका जीवन प्राप्त हुआ, तदर्थ हार्दिक आभारी। चन्द्रमा की तरह शीतल है ऐसे हैं हमारे चुन्नीलाल जी सा. दीपचंद 64जी सा. कसारा। श्री चुन्नीलाल जी कसारा बहुत ही कोमल प्रकृति श्री ज्ञानचंद जी माणकचंद जी तातेड़ : दिल्ली के सरलमना व्यक्ति हैं जिनके जीवन के कण-कण में मन के दिल्ली भारत की राजधानी है। राजधानी होने के कारण Pasana अणु-अणु में परम गुरुभक्ति रही हुई है। आप राजस्थान में तीरपाल उसकी महिमा और गरिमा अतीतकाल से ही चल रही है। गाँव के निवासी हैं। जहाँ से तप और त्याग की साक्षात् मूर्ति ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से उसका स्थान सदा महासती श्री सोहनकुंवर जी म. और उनके पूरे परिवार ने आहेत अग्रगण्य रहा है। स्थानकवासी समाज के ज्योतिर्धर आचार्य श्री धर्म स्वीकार किया। कसारा जी के पूज्य पिताश्री का नाम भेरूलाल अमरसिंह जी म. ने वहाँ जन्म लेकर जहाँ अपने जीवन को धन्य 26 जी और मातेश्वरी का नाम मोतीबाई था। माता-पिता के सद्संस्कार बनाया वहाँ उस परिवार को भी गौरवान्वित किया है। श्री ज्ञानचंद 18 आपमें सहज रूप से विकसित हुए हैं। जी तातेड़ आचार्य श्री अमरसिंह जी म. के परिवार के ही एक चुन्नीलाल जी सा. कसारा के तीन सुपुत्र हैं-लक्ष्मीलाल जी, } जान-माने सदस्य रहे हैं। 1936 मीठालाल जी और कालूलाल जी। दिल्ली का तातेड़ परिवार सामाजिक, धार्मिक तथा व. लक्ष्मीलाल जी की धर्मपत्नी का नाम रतनदेवी है। उनके आनंद व्यावसायिक क्षेत्र में सदा अगुआ रहा है जो परिवार “कोठी वाले" P और रवि दो पुत्र हैं तथा आशा और वर्षा दो पुत्रियाँ हैं। के नाम से जाना और पहचाना जाता है। श्री ज्ञानचंद जी के पूज्य 2008660 B Palp00000000000ha 2008 .

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