Book Title: Puratan Jain Vakya Suchi 01 Author(s): Jugalkishor Mukhtar Publisher: Veer Seva Mandir Trust View full book textPage 9
________________ वाक्य-सूची के आधारभूत मूल ग्रन्थ ग्रन्थ-नाम अग पणती (अगप्रज्ञमि ) आइ (य) रियभत्ती (आचार्यभक्ति) आयाण तिलय (आयज्ञान तिलक) राहणासार (आराधनासार) आसवतिभागी ( श्रस्रवत्रिभगी ) कत्तिकेय अणुपेक्खा (कार्त्तिकेयानुप्रेक्षा) कम्मपयडी (कर्मप्रकृति ) ~ कल्लाणालोयणा ( कल्याणालोचना) कसायपाहुड (कषायप्राभत) गोम्मटसार-कम्मकड (गोम्मट - कर्मकाड) गोम्मटसार - जीवकड (गोम्मट - जीवकाड) चारित्त पाहुड ( चारित्रप्राभूत) चारित्तभत्ती (चारित्र भक्ति) छक्खडागम (षड्खडागम) छेदपिंड - छेदसत्य (छेदशास्त्र) जंबूदीवपरणती ( जम्बूद्वीप-प्रज्ञप्ति) जोगसार ( योगसार) जोगिभत्ती (योगिभक्ति) ढाढसीगाहा (ढाढसीगाथा ) चक्क (नयचक्र) गदी (नन्दि) संघ - पट्टावली सार (ज्ञानसार ) रियप्पाट्र्य (निजात्म|ष्टक) शियमसार (नियमसार ) व्विाणभत्ती (निर्वाणभक्ति) चुसार (तत्त्वसार) तिलोय पण्णत्ती (त्रिलोकप्रज्ञप्नि ) तिलोयमार (त्रिलोकसार) थोरसामि थुदि (तीर्थङ्कर-स्तुति) <--0: ग्रन्थकार-नाम शुभचन्द्र (विजयकीर्त्ति - शिष्य) कुन्कुन्दाचार्य भट्टवोसरि देवसे श्रतमुनि स्वामीकार्तिकेय (कुमार) नेमिचन्द्र ब्रह्म श्रजित गुणधराचार्य नेमिचन्द्र सिद्वातचक्रवर्ती 33 कुन्दकुन्दाचार्य " 33 पुष्पदन्त, भूतबलि इन्द्रनन्दियीगीन्द्र X पद्मनन्दी योगीन्दुदेव कुन्दकुन्दाचार्य X देवसेन X पद्मसिंहमुनि य कुन्दकुन्ाचार्य 35 यतिबृषभाचार्य नेमिचन्द्र सिद्धांतचक्रवर्ती X प्रस्तावना- पृष्ठ (परिचयार्थ ) ११ १६ १०१ ६१ १११ २२ ६४ ११२ १६ ६८ ६८ १४ १६ २० १०५ १०६ ६४ ५८ १६ १०४ ६१ ११५ हट - १३ १६ ६१ २७ ह १७Page Navigation
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