Book Title: Puratan Jain Vakya Suchi 01
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

View full book text
Previous | Next

Page 4
________________ ग्रन्थानुकूम १ प्रकाशकीय वक्तव्य २ धन्यवाद ३ वाक्य सूचीके श्रावारभूत मूल ग्रन्थ ४. तृतीय परिशिष्ट के यावारभूत टीकादि ग्रन्थ ५. ग्रन्थ-संकेत-सूची ६ Foreword ७ Introduction ८ प्रस्तावना - १ ग्रन्थकी योजना और उसकी उपयोगिता २ ग्रन्थका कुछ विशेष परिचय ३ प्राकृतमे वर्ण-विकार ४ ग्रन्थ और ग्रन्यकार सक्षेप - विस्तार से प्रायः विवेचनात्मक परिचय ) ५ उपहार और ग्राभार ६४ ग्रन्या और उनके रचियता याचायों आदिका ६ प्रस्तावनाका सशोधन १०. प्रस्तावनाकी नाम -सूची ११ पुरातन जैन वाक्य-सूची ( दि० जैनप्राकृतपद्यानुक्रमणी ) १२. परिशिष्ट १ वाक्य सूचीमे छपने से छूटे हुए वाक्य २ पट्खण्डागम-गाथासूत्र-सूत्री ३ टीकादिप्रत्योंमे उपलब्ध अन्य प्राकृत पद्योंकी सूची ४ चवला - जयधवला के मगलादिपद्योंकी सूची ५. शुद्धि पत्र ५. is w ८ ११ १३ १-२ १-४ ५-१६६ ५. ८ १० ११- १६८ १६६ १७० १७१-१७६ १-३०८ ३०६-३२४ ३०६ ३१० ३११ ३२१ ३२३

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 ... 519