Book Title: Preksha Dhyan Siddhant Aur Prayog Author(s): Mahapragya Acharya Publisher: Jain Vishvabharati Vidyalay View full book textPage 9
________________ प्रकाशकीय प्रेक्षा-ध्यान ध्यानाभ्यास की एक ऐसी पद्धति है, जिसमें प्राचीन दार्शनिकों को प्राप्त बोध एवं साधना पद्धति को आधुनिक वैज्ञानिक सन्दर्भो में प्रतिपादित किया गया है। इन दोनों में तुलनात्मक विवेचन के आधार पर आज युग-मानस को इस प्रकार प्रेरित किया जा सकता है जिसमें मनुष्य के पाशवी आवेश तिरोहित हों एवं विश्व में अहिंसा, शांति और आनन्द के प्रस्थापन के मंगलमय लक्ष्य की संप्राप्ति हो सके। दीर्घश्वास-प्रेक्षा, समवृत्ति श्वास-प्रेक्षा, शरीर-प्रेक्षा, चैतन्यकेन्द्र-प्रेक्षा, लेश्या-ध्यान, कायोत्सर्ग, अनुप्रेक्षा और भावना-ये प्रेक्षाध्यान साधना-पद्धति की विभिन्न प्रयोगात्मक प्रक्रियाएं हैं। ये सारी प्रक्रियाएं रूपांतरण की हैं। फिर उपदेश देने की जरूरत नहीं होगी कि ऐसा बनो, वैसा बनो, धार्मिक बनो, स्वार्थ को छोड़ो, भय और ईर्ष्या को छोड़ो। यह केवल उपदेश कारगर नहीं होता। जो उपाय निर्दिष्ट किए गए हैं, उन्हें काम में लेना होगा। स्वयं एक दिन यह स्पष्ट अनुभव होने लगेगा कि रूपांतरण घटित हो रहा है, धार्मिक वृत्ति का जागरण हो रहा है, क्रोध और भय छूट रहे हैं, माया और लोभ टूट रहे हैं। उन दोषों से छुटकारा पाने के लिए अलग से प्रयत्न करने की आवश्यकता ही नहीं रहेगी। वे स्वयं मिटते जाएंगे। इन दोषों को मूलतः नष्ट करने का यही उपाय है। असाम्प्रदायिक ध्यान-पद्धति प्रेक्षाध्यान भिन्न-भिन्न लोगों के लिए भिन्न-भिन्न क्षेत्रों को प्रभावित करने वाला अनुभव हो सकता है, क्योंकि उसके द्वारा शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्तर पर विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। किसी भी धर्म-सम्प्रदाय, जाति आदि के भेदभाव के बिना प्रेक्षाध्यान का अभ्यास किया जा सकता है। पिछले १२ वर्षों में लगभग नौ हजार से अधिक साधक प्रेक्षाध्यान के अभ्यास से प्रशिक्षित किए जा चुके हैं, जिसमें वैज्ञानिक, डॉक्टर, इंजीनियर, प्राध्यापक, अधिकारी आदि बुद्धिजीवी तथा जैन, सनातन, सिक्ख, मुसलमान, आदि विभिन्न धर्मों के अनुयायी सम्मिलित हुए हैं। भारत सरकार द्वारा दूरदर्शन पर चारों कार्यक्रमों की एक पूरी श्रृंखला “प्रेक्षाध्यान” के नाम से प्रदर्शित की गई थी, जिसकी प्रक्रिया में सैकड़ों दर्शकों ने ऐसे कार्यक्रमों को बहुत पसन्द किया है। इस विधि से साधना करने वाले अनेक व्यक्तियों को जीवन-परिवर्तन Scanned by CamScannerPage Navigation
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