Book Title: Pratikraman Ek Rahasyamai Yog Sadhna
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 8
________________ समर्पण जिनका जीवन महोदधि के समान अतुल, अगाध एवं अपार है। जिनका आचार धर्म महापुरुषों के समान अनुकरणीय, अनुमोदनीय एवं अभिवन्दनीय है।। जिनका दिव्य अनुभव देदीप्यमान सूर्य के समान सत्य प्रकाशक, श्रम विनाशक एवं संशय निवारक है। जिनका अध्यात्म चिंतन मंगल प्रख्यात के समान नव्य उन्मेषक,रहस्य अन्वेषक स्वंतत्त्व विश्लेषक है।। सेसे महा मनस्वी, परम यशस्वी, जन जागृति के दिव्य दूत पूज्य आचार्य प्रवर श्री राजयश सूरीश्वरजी म.सा. के कर कमलों में श्रद्धापूरित धावों से सविनय समर्पित

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