Book Title: Prastar Ratnavali
Author(s): Ratnachandra Swami
Publisher: Agarchand Bhairodan Sethiya Jain Granthalay

View full book text
Previous | Next

Page 279
________________ २६१ ५ जैन बालोपदेश | पं. मुनिश्री ज्ञानचंद्रजी पंजावी रचित बालकोंकी पढने के लिये अत्युत्तम है । किमत दो आना । ६ विविध रत्नस्तवन भाग तीसरा । कि. देढआना. ७ विविध रत्नस्तवन भाग चौथा । कि. एकआना. ८ प्राकृत ज्योतिषसार — हिन्दी सानुवाद | कि. बारहआना. ९ सामायिकसूत्र और प्रतिक्रमणसूत्र मूल. कि. डेढआना. इससे अलावा जो कितनैक पुस्तकें भेट की है इसमें जो तैयार होगी वह इसके साथ भेज दी जायगी । और उपरोक्त पुस्तकोंका जो मूल्य आवेगा वह सब ज्ञानखातामेंही लगादिया जाता है ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 277 278 279 280 281 282