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छपरही है.
कर्तव्यकोमुदी भाग २ जा-श्रीमान् शतावधानी पं. मुनिश्री रत्नचंद्रजी स्वामीकृत हिन्दी भाषान्तर सहित.
जैनसिद्धांत कौमुदी-अर्द्ध मागधी व्याकरण-श्रीमान् शताबधानी पं. मुनिश्री रत्नचंद्रजी स्वामोकृत तय्यार हो रहा है।
प्राकृत मार्गोपदेशिका-धातुरूपसंग्रह (मागधी)-श्रीमान् शतावधानी पं. मुनिश्री रत्नचंद्रजी स्वामीकृत. और कईएक पुस्तकें छपाने के लिये तय्यार हो रही हैं।
पुस्तक मिलनेका पत्ताअगरचंद भैरोदान सेठिया जैनग्रन्थालय.
महोल्ला-मरोटियोंका.
बीकानेर, (राजपूताना)