Book Title: Prastar Ratnavali
Author(s): Ratnachandra Swami
Publisher: Agarchand Bhairodan Sethiya Jain Granthalay

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Page 277
________________ २५९ ग्रन्थ प्रशस्तिः शार्दूलविक्रीडित वृत्तम्शून्याष्टाधरामिते सुविदिते श्री विक्रमाब्दे शुभे पौषे शुक्लदलान्तिमे शशिदिने शिष्येण रत्नेन्दुना श्रीमत्स्वामिगुलाबचन्द्रकृतिनः प्रस्ताररत्वावलिः स्थित्वा गुर्जरदेशराजनगरे सम्पादिता श्रेयसे ॥१॥ अर्थ-पूज्यपाद श्री गुलाबचंद्रजी स्वामिना शिष्य मुनिश्री रत्नचंद्रजीए विक्रम संवत् १९८० ना पोष महिनाना शुकलपक्षने छल्ले दिवसे एटले पुनमने सोमवारे गुजरात देशमां सुप्रसिद्ध राजनगर अपरनाम अमदावाद शहेरमां रहीने आ प्रस्तार स्नावलि नामना ग्रंथनी योजना पोताना अने परना श्रेयने माटे करी छे.

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