Book Title: Prastar Ratnavali
Author(s): Ratnachandra Swami
Publisher: Agarchand Bhairodan Sethiya Jain Granthalay

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Page 271
________________ २५३ जेटला द्रव्य अथवा संयोग होय तेटला खानानो वे पंक्तिनो संवेधयंत्र बनाववो । पहेली पंक्तिना खानामां पछानुपूर्वीए एकथी च्हडता आंक लखवा। बीजी पंक्तिना पहेला खानामां उपरनोज आंक मुकवो । तने तेनी उपरना जमणा खाना साथे गुणी बीजा खानामां मुकवो । तेनी उपरना जमणा खानाना अंक साथे गुणी त्रीजा खानामां मुकवो. एम बधा खाना पूरवा । जेमकेचार द्रव्यना संयोगी भांगानो संवेधयंत्र व्युत्क्रम गुणांक ४ | ३ लब्धांक ४ | १२ |२४ | २४ | ६४ असं. द्वि.सं. त्रि.सं.च.सं. चार द्रव्यना ६४ भांगामां असंयोगीना ४,द्विक संयोगीना १२, त्रिक संयोगीना २४ अने चउकसंयोगीना २४ एम एकंदर ६४ श्री यंत्रथी जणाय छे । • पूर्वानुपूर्विना संयोगीभांगानो विधि । जेटला संयोग तेटला खानानो त्रण पंक्तिनो यंत्र करयो । पहेली पंक्तिमां अनुपूर्वीना भांगा अनुक्रमे लखवा,वीजी पंक्तिमां पदना संयोगी लखवा. ते बेनो परस्पर गुणाकार करी त्रीजी पंक्ति पूरवी । जेमके चार द्रव्यना संयोगी भांगानो यंत्र

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