Book Title: Prakrit Swayam Shikshak Author(s): Prem Suman Jain Publisher: Prakrit Bharati AcademyPage 10
________________ १. प्राकृत भाषा : स्वरूप एवं विकास के प्रमुख वैयाकरण २. प्राकृत ३. सर्वनाम पाठ. १–६ . पाठ १० पाठ ११ ४. क्रियाएँ पाठ पाठ पाठ पाठ पाठ पाठ पाठ पाठ ५. संज्ञा शब्द पाठ पाठ पाठ पाठ पाठ पाठ पाठ पाठ : पाठ ४५-४८ : पाठ ४६ : पाठ ५०-५३ : पाठ ५४ : पाठ ५५-५८ : १२ १३ १४ ত १५ १६ : २२ : : १७- १९ : २०-२१ : अनुक्रम २३-२८ : २६ ३०-३३ : ३४. : : ( अहं अम्हे, तुमं, तुम्हे, सो, ते, सा, ताओ, इमो आदि ) नियम (सर्वनाम, क्रिया - अभ्यास ) अभ्यास (क्रिया, संज्ञा, अव्यय) वर्तमानकाल भूतकाल 'अस धातु एवं सम्मिलित अभ्यास भविष्यकाल प्रथमा विभक्ति (पु०, स्त्री०, नपुं०) नियम (प्रथमा विभक्ति, स्त्री०, नपुं०) द्वितीया विभक्ति नियम (द्वितीया ) ३५-३८ : तृतीया विभक्ति ३९ : नियम (तृतीया) ४०-४३ : चतुर्थी विभक्ति ४४ इच्छा / आज्ञा सम्बन्ध कृदन्त, हेत्वर्थ कृदन्त, अभ्यास नियम (क्रियारूप, मिश्रित अभ्यास ) अभ्यास (क्रियाकोश, शब्दकोश, अव्यय ) नियम (चतुर्थी) पंचमी विभक्ति नियम (पंचमी) षष्ठी विभक्ति नियम (षष्ठी) सप्तमी विभक्ति [ ix ] पृष्ठ १-२० २१-२६ २-१० ११-१२ १३ 1 १४-१५ १६-१७ १८- १६ २०-२१ २२-२३ २४-२६ २७-२६ ३०-३१ ३२- ३७ ३८. ३६-४५ ४६ ४७-५३ ५४ ५५-६१ ६२ ६३-६६ ७० ७१-७७ ७८ ७६-८५Page Navigation
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