Book Title: Prakrit Shabda Rupavali
Author(s): Hemchandracharya, Vajrasenvijay
Publisher: Bhadrankar Prakashan

Previous | Next

Page 9
________________ अकूपार, स्वभाव, स्वरूप, धर्म पञ्चविध, गृहस्थ, गीतार्थ, विकार पर्याय, जय्य, वैद्य उद्योत, मार्ग, विपाक सम्पर्क, श्लोक क्लेश, प्लोष, प्लष्ट, श्लेश म्लेच्छ, निर्वेद, संस्तुत, प्रस्तर प्रशस्त, निर्भर, पार्श्व, विषधर तथाप्रकार, तत्त्वप्रकाश, द्वेष, द्वेष्य - विशेष, द्वीप, दीप शुभप्रदीप, संघबाह्य, विन्ध्य, सह्य साध्वस, इष्ट, उन्मार्ग, निष्ठितार्थ पूज्य, श्रमण, श्रावक, संसर्ग मग्न, निर्मग्न, कर्त्तव्य, लेख, संस्कार प्रतिभिन्न, प्रतिहास, सम्पृक्त, स्पृष्ट परामृष्ट, प्रवृष्ट, प्रावृत, प्राभृत, परभृत संवृत, वृत्तान्त, वृद्ध, वृन्दारक निवृत्त, निशाचर, कुम्भकार, सुपुरुष सातवाहन, चक्रवाक, त्रिदशेश ऋषभ, वृषभ, दुःसह, दुःखित दक्षिण, पराङ्मुख, कञ्चक, षण्मुख षष्ठ, शाव, षट्पद, सप्तपर्ण .. शरद्, भिषक्, प्रावृष् दीर्घायुष, अनुस्वार कर्कोट, वृश्चिक, वयस्य

Loading...

Page Navigation
1 ... 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 ... 306