Book Title: Prakrit Shabda Rupavali Author(s): Hemchandracharya, Vajrasenvijay Publisher: Bhadrankar PrakashanPage 11
________________ कांशिक, वांशिक, पाण्डव, सांसिद्धिक, सांयात्रिक श्यामाक, कूर्पास, खल्वाट, स्तावक . आसार, नैरयिक, ऐरावण, कैलास कैटभ, वैकुण्ठ, पारापत, चूर्ण नरेन्द्र, मुनीन्द्र, उत्सव, उत्सुक उत्सिक्त, उत्साह, उत्सन्न, मत्सर, संवत्सर निश्चल, मूषिक, बिभीतक, निर्णय द्विमात्र, द्विविध, द्विरेफ, निषण्ण युधिष्ठिर, निर्झर, कश्मीर व्यापात, स्तोक, करीष, शिरीष वल्मीक, वीडित, उपनीत, गरुड पौर, कौरव, पौरजन . जीर्ण, हीन, कीदृश, ईदृश सदृग्वर्ण, सदृग्रूप, सदृश, एतादृश भवादृश, यादृश, तादृश, अन्यादृश, मादृश युष्मादृश, अस्मादृश, मुकुल, मुकुट मुकुर, गुरुक, सुभग दुर्भग, लुब्धक, मुद्गर, कुन्त, पुस्तक अर्हत्, हनुमत्, पथिन् मृग, घृष्ट, भृग, शृङ्गार, भृङ्गार शृगाल, कृश, कृषित, नृप, कृप तृप्त, हृत, व्याहत, दृष्ट, बंहित वितृष्ण, उत्कृष्ट, नृशंस, पृष्ठ मृगाङ्क, धृष्ट, मृषावाद, ऋक्ष आदृत, दृप्त, क्लृप्त, क्लुन्नPage Navigation
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