Book Title: Prakrit Shabda Rupavali
Author(s): Hemchandracharya, Vajrasenvijay
Publisher: Bhadrankar Prakashan

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Page 13
________________ ..... 124 ... 134 12 उदुम्बर, आवर्तमान, अवट, प्रावारक शक्त, मुक्त, संयुक्त, निष्क्रय . तस्कर, शुष्क, स्कन्द, श्वेटक, क्ष्वोटक स्फेटक, स्फेटिक, व्यतिक्रान्त, स्तम्भ / रक्त, प्रत्यूष, कक्ष, दक्ष, क्षुण्ण क्षार, क्षुर, क्षण, नि:स्पृह, ध्वज . वृत्त, प्रवृत्त, कैवर्त, जत, धूर्त मूर्त, मुहूर्त, विसंस्थुल, गर्त, सम्मर्द . विच्छर्द, कपर्द, मर्दित, सम्मर्दित, गर्दभ .... 132 भिन्दिपाल, स्तब्ध, पर्यस्त, पल्यङ्क ... 133 कृष्ण, स्नात, प्रस्तुत, प्रह्लाद दशाह, हरिश्चन्द्र, धृष्टद्युम्न, विख्यात ... 135 आलानस्तम्भ, कुसुमप्रकर, सपिपास, मण्डूक, व्याकुल निहित, स्थूल, तूष्णिक, मूक, प्लक्ष ... 137 हीत, अहीक, आश्लिष्ट, भस्मन् .. ... 138 निष्पेष, भीष्म, श्लेष्म, ग्लान, विह्वल ...139 बाष्प, कार्षापण, अर्ह बर्ह, कृत्स्न, आदर्श, सुदर्शन, परामर्श ... 141 हर्ष, अमर्ष, मूर्ख, हरिताल, ह्रद ... 142 हसित, रोपित, लज्जित, भ्रमित .... 143 जल्पित, वेपित, युष्मदीय, अस्मदीय सर्व .... 145 विश्व, अन्य अन्यतर इतर . ...15 147 ... 148

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