Book Title: Prakrit Margopadeshika
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Gurjar Granthratna Karyalay

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Page 290
________________ नयगुण• (नयगुण.) नीतिनो गुण परप्पवित्तस्स (परप्रवृत्तस्य) बीजा माटे नाडयविजाए ( नाटकविद्यायाम् ) प्रवर्तेला-तैयार थयेला नाटकनी विद्यामां परिग्गहं ( परिग्रहम् ) धन धान्य निअटुंति, णिअटुंति (निवर्तन्ते) नि ___ स्त्री वगेरेनो परिग्रह वर्ते छे. अटके छे-आगळ जता परिणे (परिज्ञः) चारे बाजुनुं जाणनथी नार निज्झाइया (निाता) सारी रीते परिवाडीआगयं (परिपाटीआगतम् ) नोई ___ अनुक्रमे आवेळ निद्धे, गिद्धे (स्निग्धः) स्निग्ध- परिहित्ता (परिधाय) पहेरीने चौकणो फ्लाइउमारद्धा (पलायितुमारब्धाः) नियत्तियाओ (निवृत्ताः) नीवर्ती दोडवा मांडया पाछी वळी पलोएह (प्रलोकध्वम् ) जुओ नियसरिसविहवेसु (निजसदृशविभ- पसातेणं (प्रसादेन) प्रसाद-कृपा-बडे वेषु) पोतानी समान वैभव पाणाइवाय (प्राणातिपातम् ) प्राणोनो धरावनारा कुलोमां अतिपात-हिंसाने निव्वाणवादीणिह (निर्वाणवादिनि इह) पायवडिओ, पायवडिएण (पादपतितः) निर्वाणवादिओमां अहीं पगे पडेलो नेआउए (नैयायिकः) न्याययुक्त- पाविडी (पापधिः) पापथी आवेली न्यायमार्ग ऋदि पइरिकं (प्रतिरिक्तम् ) खाली-एकांत पासुत्तो, पासुत्ता (प्रसुप्तः) सुतेलो स्थळ पाहुडएहि (प्राभृतकैः) मेटणांओ पढिओ (प्रस्थितः) प्रस्थान कर्यु छे ते पण्हिपहेरण (पृष्णिप्रहारेण) पानीना पोम्म ( पद्मम् ) पद्म-कमळ प्रहारथी पंडुरगा (पाण्डुरकाः) पांडरा-धोळा पणुल्लयामो (प्रनोदयामः) दूर करीए | पंतोवहिठवगरणं (प्रान्तोपधिउपकरपत्तए (पत्रकाणि) पत्ता-चिट्ठीओ ___णम्) जेनां कपडां अने वीजा पत्थरेऊण (प्रस्तीर्य) पाथरीने उपकरणो जूनां छे तेने द्वारा

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