Book Title: Prakrit Margopadeshika
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Gurjar Granthratna Karyalay

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Page 292
________________ वियोगमा राइभोअण ( रात्रिभोजनम् ) रात्री- वायससंघाडओ (वायससंघातकः) का-- भोजन-विकाळ भोजन गडान टोळु रामविओए ( रामवियोगे ) रामना वारओ (वारकः) वारो वारेहामि (वारयिष्यामि) वारीशरायणा (राशा) राजावडे __ अटकावीश रुक्खाउव्वेय. (वृक्षायुर्वेद०) वृक्षोनो वासियसद्देणं (वाशितशब्देन) वाशना ___ आयुर्वेद-झाडोनी दबादारुनी शब्दवडे विद्या वित्थिण्ण० (विस्तीर्ण.) विस्तीर्णरुहे (रुहः) ऊगनार-जन्मनार खूब विस्तारवाळ लइअयं (लातम् ) लीधेलं विहुणाहि (विधुनीहि) दूर करलठं ( लष्टम् ) सुंदर खंखेरी नाख लुबखे (लक्षः) लूखं वीससेणो (विष्वक्सेनः) श्रीकृष्ण लुब्भए (लुभ्यते) लोभाय छे वुच्छिद (व्युच्छिन्द्रि) विच्छेद करलेहो (लेख:) लेख-कागळ नाश कर वट्टिजासि (वर्तस्व) वर्त-वर्तन राख वुड्डवायसेहिं (वृद्धवायसैः) मोटा कागबडो (वृद्धः) वडो-मोटो ___ डाओ बडे वत्ते (वृत्तः) गोळ वेए ( वेदान् ) वेदोने-वेदशास्त्रोने वयंसाण ( वयस्यानाम् ) मित्रोर्नु वेणुदेवो (वैनतेयः) विनतानो पुत्रववहरतीओ (व्यवहरन्त्यः) व्यवहार गरुड करती वंतं ( वान्तम् ) वमेल-ओकेलं ववहारो (व्यवहारः) न्याय सक्खिणो (साक्षिणः) साक्षीओ ववहारनिच्छओ (व्यवहारनिश्चयः) सगासि (सकाशे) पासे न्यायनो निर्णय-फेंसलो सण्णे (संज्ञः) संज्ञावाळो-समजदार वहाए (वधाय) वध माटे सत्तुयादुपालियं, सत्तुयादोपालियं वायसपिडियाओ (वायसपिण्डिकाः) (सक्तुकद्विपालिकाम् ) बे पाली कागडानी खावानी पिंडीओ | साथवो

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