Book Title: Prakrit Hindi Vyakaran Part 02 Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy View full book textPage 4
________________ अनुक्रमणिका पृष्ठ संख्या क्र.सं. विषय प्रकाशकीय प्रारम्भिक 45 51 क्रियाओं के कालबोधक प्रत्यय कृदन्तों के प्रत्यय भाववाच्य एवं कर्मवाच्य के प्रत्यय स्वार्थिक प्रत्यय प्रेरणार्थक प्रत्यय सम्पादक की कलम से विविध प्राकृत क्रियाएँ 8. अनियमित कर्मवाच्य के क्रिया-रूप : अनियमित कृदन्त 53 प्र 63 85 89 • 92 114 123 परिशिष्ट-1 क्रिया-रूप व कालबोधक प्रत्यय परिशिष्ट-2 आचार्य हेमचन्द्र-रचित सूत्रों के सन्दर्भ परिशिष्ट-3 सम्मतिः अपभ्रंश-हिन्दी-व्याकरण ... डॉ. आनन्द मंगल वाजपेयी अभिमतः अपभ्रंश-हिन्दी-व्याकरण . डॉ. प्रेमसुमन जैन · परिशिष्ट-4 प्राकृत-व्याकरण संबंधी उपयोगी सूचनाएँ अपभ्रंश-व्याकरण संबंधी उपयोगी सूचनाएँ सन्दर्भ ग्रन्थ सूची . 125 126 127 128 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 ... 150