Book Title: Prabhavak Charitra
Author(s): Prabhachandrasuri, Jaydarshanvijay
Publisher: Jinagna Prakashan
View full book text
________________
२. परिशिष्टम् । प्रभावकचरित्रान्तर्गतविशेषनाम्नां अकाराद्यनुक्रमणिका।
00000000
१७२
१८६
. 25
K
कर्णराज्य
२
१६५
अजयमेरु [दुर्ग] १९७। आमराज [नृपति] ८१-९२,९५-९७, उंबरिणीग्राम
१३१ अजितयश [मुनि] ७७,७८
९९,१०१,१०७, | उदावसति [प्रासाद] भजितसिंहसूरि (१) ११३
१०८,११० ऋषिमण्डल प्रकरण [ग्रन्थ ] , , (२) २१४ आम [नृप] पुर
एकार्थ कोश [ग्रन्थ] २११ भणहिल्लपुर (पत्तन) १०७,१२८,१३०, आमविहार प्रासाद ।
११० ओंकारपुर [नगर] १३३,१३५,१३६,१४०,१५०,१५२. आमिग [पुरोहित]
१८८ कच्छ [देश]
१६६ १५५,१५९,१६८,१७२,१७५,१७६, आनेश्वर [श्राद्ध]
| कनकप्रभ [ सूरि] । १ १८३,१८५,१८९,१९५,१९८,२०२
आर्य खपुटाचार्य २,३३-३५,४०,४३,४४ | | कन्यकुब्ज (कान्यकुब्ज) [देश] ५०, अतिमुक्तक [मुनि] आर्य नन्दिल [ सूरि] २,१९,२१
८८,९०,९६,९८,१००,१०५,१०७, अध्यात्म-योगशास्त्र [ग्रन्थ]
आर्य मागहस्ति [सूरि]
२८
१०९-१११,१४७,१८६,१८९. अनेकार्थकोश , २११ आर्य रक्षित [ सूरि] २,९-१४,१७
कन्यकुब्जपुर [ नगर] अभयकुमार [ श्रेष्टिपुत्र]
- १९,२७ १६४
कपर्दी [यक्ष]
११९ • अभयदेव सूरि २,१६१,१६४,१६६,२१३
आर्य समित [ सूरि]
कमलकीर्ति [मुनि]
१५९ आर्य सुहखि [सूरि] अम्बड [ मन्त्री] ४६,२०७,२०८
कर्ण [नृपति]
१६८,१९५ आलिग [कुंभकार]
१९६ अम्बप्रसाद ,
१७२,१७३ अम्बादेवी,
आल्हादन [नृपति] ४४,४५,४६,११९
कर्णाट [देश]
१७४,१८६ अम्बाशिखर
आशापल्ली [ग्राम] १९५
कर्णाटनृप
१७४ आशाम्बर (दिगम्बर)
१७५ अर्णोराज [नृपति] १९७,१९८,२०१,२०२
कर्णावती [नगरी] १७४,१७५ आशुक [मंत्री]
१८१ अर्बुदगिरि
कर्दमभूप [नृपति] १४७,२१४ आषाढ [श्रावक] अलिअरनाग [देव]
कारपुर [ग्राम] इन्द्रभूति [गणधर] अलङ्कतिचूडामणि [ग्रन्थ] . २११ ईश्वरी [श्राविका ]
कलहंस [सूरि] अल्लभूप [ नृप] ७८,१६२,२१ उज्जयन्तगिरि [ तीर्थ ]
कलापक [व्याकरण ग्रन्थ ]
८,१०८,१३७, अवन्तिदेश ३,६,९,१६,४९,१३३,१३४,
१८४,१९५
कलिंग [देश] . १३८,१४७,१४८,१८५ उजयिनी पुरी १०,२२,२६,५८
कल्याणकटक [नगर ] अवन्तिनायक
| कल्याणमन्दिर [ स्तव]
उत्तराध्ययनसूत्रवृत्ति [अन्य] १७,१३५, अवन्तिसंघ
कविराज श्रीपाल
१९०,१९३ अवलोकन [पर्वतभंग] १९५ उत्साह [ पण्डित] १७९,१८६
कंटिका [ वेश्या ] १०९,११०. अशोकचन्द्र [ विद्वान् ]
उदय [श्रावक]
१७२
काकलकायस्थ [पण्डित] १८६ अश्वावबोधतीर्थ ३४,४१,४२,४६ | उदयन [मंत्री] १८४,१९६-१९८,
कात्यायन [गोत्र] अष्टादशशतीदेश १३१,१७१,२०२
२०७,२१. कान्ती नगरी अष्टापदगिरि ३,८,३६,१३. उदायन [शुपति]
९ कान्यकुब्ज [ देश] अंकुलेश्वर [ग्राम] ४५ उन्नतायुग्राम १३३ कामरूप
१८६ अंग [देश] | उपदेशमालावृत्ति [अन्य] १२३ | | कामाख्या देवी
१८. भाचाराङ्गसूत्र [ग्रन्थ]
७. उपमितिभवप्रपञ्चा कथा [ग्रन्थ] १२४ | कार्पासिक [श्रावक] .
१६०,१७२
१८५ १८६ २०६
१५४
१४
१७८
१७२

Page Navigation
1 ... 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588