Book Title: Prabhavak Charitra
Author(s): Prabhachandrasuri, Jaydarshanvijay
Publisher: Jinagna Prakashan

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Page 582
________________ 565 विशेषनामामकारायनुक्रमणिका । २२१ १६७ १०५ १८६ २११ १४९ १६. १८१ काक(लि)काचार्य २,२२-२८,३३,३८, गांगिल [मंत्री] १७७ | चन्द्रमहागच्छ ४३,१७० गिरनार [पर्वत[ १९५ चन्द्रशेखर [राजा] ४२ कालिंजर [ दुर्ग] | गिरिखण्डल [पर्वत] चन्द्रावती [ नगरी] १९९,२०२ काशि [ देश] १८६ गुडशस्वंपुर [प्राम] ३३,३४ चाचश्रेष्ठी १८३,१८४ কাহীশ্বৰ गुणचन्द्र [दिगम्बर विद्वान् ] - १७२ चान्द्रगच्छ ११८,१८३ काश्मीर [ देश] ८३,१७२,१८४-१८६ गुणचन्द्रसूरि [श्वेताम्बर] ४३ चापोस्कट [राजवंश ] कासहदनगर गुणाकरसूरि (१) २२ चामुण्डराज [चालुक्य नृपति] १३० कितवकथानक पञ्चक [प्रन्थ ] , (२) ११७ चारुकीर्ति [ दिगम्बर सूरि] ११२ कीर [ देश] १४४ गूर्जर [जनविशेष] १५६,१५८ | चारुभट [सुभट] २०१,२०२ कीर्तिपाल [क्षत्रिय ] १९८,१९९,२०४ गूर्जरकवि चारूपग्राम १६५,१६८ कुंक(कु)ण देश ,१८६,२०७ गूर्जरदेश ४७,५०,८०,२१,१३३,१३४, चित्रकूट [पर्वत] ६२,६९,१७२, कुंकणाधिपति (मल्लिकार्जुन) २०७ १४०,१५०,१५२,१५७,१५८,१५९, चेटक [राजा] २१० कुंडगेश्वर [ तीर्थ ] १६८,१७१,१७५,१८३,१८५,१८९ चेदि [ देश] १८६ कुमारपाल [ नृपति] १९५-१९७,२०१, गूर्जर मण्डल चौड [देश] २.६,२०७ गूर्जराचार्य १५८ छडुक [श्रेष्ठी] १९८ कुमार विहार [प्रासाद] गूर्जराधीश १४५,१६९ छन्दश्शूडामणि [ग्रन्थ ] कुमुदचन्द्र [दिगम्बर विद्वान् ] १७४,१७८ गूर्जरावनि ४७,१५४,१५,१६२ छित्तप [कवि] गूर्जरेश १३४,२०१ जम्बूद्वीप कुरुक्षेत्र गोकुलवास | जम्बूस्वामी २६ कुवलयमाला [कथा प्रन्थ ] गोदावरी नदी ८८ | जयकेशि [राजा] १७४ कूर्चपुर [ग्राम] १६२ गोपगिरि ८४,९५,१६८,१७२ जयतिहुयण [स्तव] कृष्ण [ ब्राम्हण पण्डित] १७२ गोपालगिरि | जयसिंह (सिद्धराज) १६५,१६८,१९१, कृष्णदेव [क्षत्रिय] गोमती [ब्राह्मणी] १४६ १९२,१९४ कृष्णभूप [नृपति] | गोविन्दसूरि । ९२,९९,१००,१०, जया-विजया [ देवी] केदार [ तीर्थ ] १८७,१८८ गोविन्दाचार्य १५२,१५३,१६८ जाकिनी [महत्तरा साध्वी ] केरहण [मण्डलेश्वर] २१ गोष्ठामाहिल[संप्रदायप्रवर्तक] १५,१८ जाकुटि [श्रावक] केशव [पण्डित] १७७,१७९,१८ गौड [ देश] ५४,८५,१४४,१५५,१८६ जान्हवी [गंगा] २८ कैशिक देश गौडपुरी ८६ जालंधर [ देश] १८६,२०८ कोटिनगर [प्राम] . __४४,१९५ गौडवध [ काव्य], ९९ जावदि [श्रावक] कोव्याचार्य [ सूरि] १५४ गौतमस्वामी १,१८४ जितशत्रु [राजा] कोरं (रि)टक [प्राम] ४१.११ घृत [पूर्व ] पुष्पमित्र [सूरि] १५ जितारिराजा ६२ कोशलाग्राम ५४ चक्रवालपुर [नगर] ४२ जिनदत्त [ सूरि ] (1) कोशलापुरी |चंगदेव [वणिक्पुत्र] १८३ __ , , (२) २१४ खस [ देश] चंदनबाला [ साध्वी] १७२ | जिनदत्त [ श्रेष्ठी ] ८,११८ खंगार [नृपति] १९ चन्द्र सूरि (१) ८,१२३ जिनदास [श्रावक] खेटकाधार मंडल ९९ चन्द्र सूरि (२) १३२,१८०,२१४ जिनदेव [श्रेष्ठी] १३५ गजवर (बप्पभहीसूति) ९४ चन्द्रकान्ता [राज्ञी] ४३ जिनदेवी [ श्राविका] १७१ गया [ तीर्थस्थान] १८६ चन्द्रगच्छ १ २३,१३३,१८३,२१३ जिनभट सूरि ६२,६४,७३ गर्गस्वामि (गर्गर्षि) १२३,१२४ | चन्द्रगुप्त मौर्यनृपति] जिनभद्रगणि [क्षमाश्रमण] ३. गर्दभिल [राजा] २२,२३,२४ चन्द्रपुर [नगर] | जिनानन्द [सूरि] गंगा [नदी] १.७,१०८,११३,११४ चन्द्रप्रभसूरि १,८,१८,२१,२५,४०,४६, जिनेश्वर सूरि १६२-१६४,१६६,२१४ गंगावट १४७ ५३,६१,७६,७९,१११,१७,१२०, जीवदेवसूरि २,४७-४९,५१-५३ गंगाधर [ ब्राम्हण पण्डित] १७२ १२६,१३२,१३५,१५१,१६,१६६, | जैनधर्म गंगापार १७०,१०२,२१२,२१५/शानदेव [शैवाचार्य] १९७ ११८ 4m. १८६ २८ ॥

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