Book Title: Prabandh Parijat
Author(s): Kalyanvijay Gani
Publisher: K V Shastra Sangrah Samiti Jalor

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Page 7
________________ ४ ५० क्रम सं. (१०) दशमोद्देशक (११) एकादशोद्देशक (१२) द्वादशोद्देशक (१३) त्रयोदशोद्देशक (१४) चर्तुदशोद्देशक (१५) पंचदशोद्देशक (१६) पोडशोद्देशक (१७) सप्तदशोद्देशक (१८) अष्टादशोद्देशक (१६) एकोनविंशोद्देशक (२०) विंशतितमोद्देशक २ महानिशीथ की परीक्षा (१) अध्ययन (२) अध्ययन (३) अध्ययन ७४ उपधान का शब्दार्थ और आधुनिक प्रवृत्ति ७६ क्या महानिशीथोक्त उपधान विधि आगमोक्त है ? ७८ जेउ गृहस्थ धावक के धर्माधिकार में आगम साहित्य में "उपधान" का विधान नहीं है मुहूर्त देखने का विधान पंचनमस्कार उपधान विधि ईर्यापथिकी आदि के उपधान उपधान माला-परिधान विधि अज्ञान दशा में पंचमंगल पढ़ने का अधिकार नहीं है पंचमंगल और अन्य श्रुताध्ययन में विशेषता कुशीलादि कुगुरुओं के लक्षण शरीर कुशील ७३ ७५ ७६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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