Book Title: Pati Patni Ka Divya Vyvahaar Author(s): Dada Bhagwan Publisher: Mahavideh Foundation View full book textPage 1
________________ दादा भगवान प्रापित पति-पत्नी का आदर्श व्यवहार विज्ञान की समझ, जीवन आदर्श बनाये ! यह अक्रम विज्ञान तो देखो। केवल पत्नी के साथ ही 'नहीं, लेकिन सारे संसार के साथ झगड़े बंद हो जाएं। यह विज्ञान ही ऐमा है। प्रगडे बंद ए अर्थात हम मुक्त हए। अपने घर में तो 'व्यवहार सुन्दर कर देना चाहिए। पत्नी के मन में ऐसा लगे कि ऐसा ( अच्छा ) पति कभी नहीं मिलेगा और पति के मन में ऐसा लगे कि ऐसी ( अच्छी ) 'पानी' भी कभी नहीं मिलेगी! एमा। हिसावला दें तब हम मच्चे कहलाये। अगर ऐसी समझ फिटकर। लें तो सारा जीवन बहुत अच्छी तरह व्यतीत हो। दादाश्री THENRBANTARY OSHIYAPage Navigation
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