Book Title: Paryushanparv Kalprabha Author(s): Vijaydarshansuri Publisher: Jain Granth Prakashak Sabha View full book textPage 1
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ॥ ँ अहँ नमः ॥ ।। सकलस्वपरसमयाब्धिपारीणशासनसम्राट्सूरिचक्रचक्रवर्त्तिश्रीतपागच्छनभोनभोमणिभट्टारकाचार्यश्रीविजयने मिसूरीश्वर सद्गुरुभ्यो नमः ॥ तत्पट्टालङ्काराऽवाप्त–न्यायवाचस्पति - शास्त्रविशारदोपनाम - श्रीतपागच्छभट्टारकाचार्य श्रीविजयदर्शन सूरिप्रणीता ॥ श्रीपर्युषण पर्वकल्पप्रभा ॥ वीरसंवत् २४६९ →*********-> श्रीसूर्यपुर (सुरत) गोपीपुरास्थ जव्हेरी छगनभाइ फुलचन्द - जव्हेरी रूपचन्द घेलाभाइ - शाह - अमरचन्द वजेचन्द इत्याख्यश्राद्धवर्यत्रयसमर्पितद्रव्यसाहाय्येन— प्रकाशकः-श्रीराजनगरस्थ-श्रीजैनग्रन्थप्रकाशकसभा कार्यवाहक : श्रेष्ठि- मूलचन्द्रात्मज ईश्वरदासः प्रतयः ७५० - २० काश्मीरीयपत्रे प्रथमावृत्तिः विक्रमादः १९९९ For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri GyanmandirPage Navigation
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