Book Title: Paryushana Kalpsutram
Author(s): Kesharmuni, Buddhisagar Gani
Publisher: Jinduttsuri Gyanbhandar
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, गुजराती)
दादासाहेबकी पूजा
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मोहमयिस्थे श्रीजिनदत्तसूरि-ज्ञानभाण्डागारे लभ्यग्रन्थाःद्वादशकुलकानि (सटीकानि)
पंचप्रतिक्रमणसूत्रम् (मूलमात्र, गुजराती)
•-१०-० षट्रस्थानप्रकरणम् (सटीक)
०-८-० पंचप्रतिक्रमणसूत्रम् (गुर्जरशब्दार्थभावार्थयुक्तम्) भक्तामरस्तोत्रम् (सटीकं)
०-८-०
राइदेवसीप्रतिक्रमणसूत्रम् (मूलं शास्त्री) कल्याणमन्दिरस्तोत्रम् (सटीक) सामाचारीशतकम् गाथासहची विधिमार्गप्रपा
जिनदत्तसूरिजी जीवनचरित्र (गुजराती) *श्रीपालचरित्रम् (श्लोकबद्धम्)
भेट
जिनकुशलजीवनप्रभा (गुजराती) | " , (प्राकृत, हिन्यनुवादयुतं)
२-०-०
जिनचंद्रजीवनचंद्रिका (गुजराती) आत्मप्रबोध:
भेट सप्तस्मरणादिस्तोत्रसंग्रहः साधुपंचप्रतिक्रमणसूत्रम् (हिन्दी-शब्दार्थयुक्तम्)
१-०-० स्नान्नपूजादिसंग्रहः (शा.) श्रावक ,... ( " नवपदादितपविधिसंग्रहः
) "
कल्याणकपरामर्शः (संस्कृत) पंचप्रतिक्रमणादिसूत्रम् (मूलमानं शास्त्री)
९-१०-० | पर्युषणादिपरामर्शः (,)
अभयजैनग्रन्थमाला-बीकानेर-प्रकाशितानि पुस्तकानि| युगप्रधानजिनचन्द्रसूरि (हिन्दी):--. ऐतिहासिककाव्यसंग्रहः (प्राचीनरास)-८-० दादा श्रीजिनकुशलसूरि (हिन्दी) ०-५-० सूचना-उपायनलभ्यानामपि ग्रन्धानां पोष्टब्ययनं पृथगू दातव्यमेव भविष्यति प्राहकैरिति ।
प्राप्तिस्थलं-श्रीजिनदत्तसूरि-शानभण्डार-महावीरखामी-जैन-मन्दिर, पायधुनी, मुंबई ३
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