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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobefith.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandar , गुजराती) दादासाहेबकी पूजा OXOXOXOXOXOXOXOXOXOXOXOXO मोहमयिस्थे श्रीजिनदत्तसूरि-ज्ञानभाण्डागारे लभ्यग्रन्थाःद्वादशकुलकानि (सटीकानि) पंचप्रतिक्रमणसूत्रम् (मूलमात्र, गुजराती) •-१०-० षट्रस्थानप्रकरणम् (सटीक) ०-८-० पंचप्रतिक्रमणसूत्रम् (गुर्जरशब्दार्थभावार्थयुक्तम्) भक्तामरस्तोत्रम् (सटीकं) ०-८-० राइदेवसीप्रतिक्रमणसूत्रम् (मूलं शास्त्री) कल्याणमन्दिरस्तोत्रम् (सटीक) सामाचारीशतकम् गाथासहची विधिमार्गप्रपा जिनदत्तसूरिजी जीवनचरित्र (गुजराती) *श्रीपालचरित्रम् (श्लोकबद्धम्) भेट जिनकुशलजीवनप्रभा (गुजराती) | " , (प्राकृत, हिन्यनुवादयुतं) २-०-० जिनचंद्रजीवनचंद्रिका (गुजराती) आत्मप्रबोध: भेट सप्तस्मरणादिस्तोत्रसंग्रहः साधुपंचप्रतिक्रमणसूत्रम् (हिन्दी-शब्दार्थयुक्तम्) १-०-० स्नान्नपूजादिसंग्रहः (शा.) श्रावक ,... ( " नवपदादितपविधिसंग्रहः ) " कल्याणकपरामर्शः (संस्कृत) पंचप्रतिक्रमणादिसूत्रम् (मूलमानं शास्त्री) ९-१०-० | पर्युषणादिपरामर्शः (,) अभयजैनग्रन्थमाला-बीकानेर-प्रकाशितानि पुस्तकानि| युगप्रधानजिनचन्द्रसूरि (हिन्दी):--. ऐतिहासिककाव्यसंग्रहः (प्राचीनरास)-८-० दादा श्रीजिनकुशलसूरि (हिन्दी) ०-५-० सूचना-उपायनलभ्यानामपि ग्रन्धानां पोष्टब्ययनं पृथगू दातव्यमेव भविष्यति प्राहकैरिति । प्राप्तिस्थलं-श्रीजिनदत्तसूरि-शानभण्डार-महावीरखामी-जैन-मन्दिर, पायधुनी, मुंबई ३ K-X- XXOXOXOXOXOXOXOXOXEXE For Private And Personal Use Only
SR No.020546
Book TitleParyushana Kalpsutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKesharmuni, Buddhisagar Gani
PublisherJinduttsuri Gyanbhandar
Publication Year1942
Total Pages435
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Paryushan, & agam_kalpsutra
File Size20 MB
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