Book Title: Parshvapurana Author(s): Bhudhardas Kavi, Nathuram Premi Publisher: Sanmati Trust Mumbai View full book textPage 5
________________ और अंत में अनेकांत ज्ञान मंदिर शोध संस्थान, बीना (सागर) के अधिष्ठाता जिनवाणी एवं लुप्तप्राय हस्तलिखित ग्रंथों के संरक्षण के प्रति सजग क्रांति के पुरोधा ब्र.संदीप जैन 'सरल' का हृदय से आभारी हूँ कि समय समय पर अपने सरल विचारों से सहयोग देते रहे हैं । भविष्य में भी देंगे । बहुत सावधानी से प्रूफ पढ़ने के बाद भी संभवतः कुछ अशुद्धियां रही हो तो उसे सुधीजन सुधार कर पढ़ेंगे तथा हमें सूचित कर देंगे जिससे यथासमय आगामी आवृत्ति में संशोधन कर लिया जाय । सत्पुरुषों के योगबल से जगत का कल्याण हो । इसी भावना के साथ, - देवेन्द्र जैन गुरुपूर्णिमा ५ जुलाई २००१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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