Book Title: Param Jyoti Mahavir
Author(s): Dhanyakumar Jain
Publisher: Fulchand Zaverchand Godha Jain Granthmala Indore

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Page 362
________________ ६४६ परम ज्योति महावीर सूत्रों में वैमारगिरि, विपुलाचल श्रादि नामों से उल्लिखित हैं। राजगिर बिहार प्रान्त में पटना से पूर्व दक्षिण और गया से पूर्वोत्तर में अवस्थित है । नालन्दा -- राजगृह का एक उपनगर, जहाँ पर अनेक धनाढ्यों का निवास था और अनेक कारखाने चलते थे । श्राजकल के राजगिर से उत्तर में ७ मील पर अवस्थित 'बड़गाँव' नामक स्थान ही प्राचीन - नालन्दा है । ब्राह्मणग्राम - इस ग्राम के दो पाटक थे, एक नन्द पाटक, दूसरा उपनन्द पाटक । ब्राह्मण ग्राम 'सुवर्णखल' और 'चम्पा' के बीच में • पड़ता था। चम्पा - जैन सूत्रों में चम्पा को अंग देश की राजधानी माना है, -कोणिक ने जब से अपनी राजधानी बनायी तब से चम्पा श्रंग (मगध ) की राजधानी कहलायी | पटना से पूर्व में ( कुछ दक्षिण में ) लगभग सौ - कोस पर चम्पा थी । कालाय - यह सन्निवेश चम्पा के निकट कहीं होना चाहिये । पत्तकालय - चम्पा के पास कहीं था । कुमारा - यह सन्निवेश सम्भवतः अङ्ग देश के पृष्ठ चम्पा के निकट था । चोराक -- यह स्थान संभवतः प्राचीन श्रङ्ग जनपद और श्राधुनिक पूर्व बिहार में कहीं रहा होगा | पृष्ठ चम्पा - चम्पा से पश्चिम में थी, राजगृह से चम्पा जाते हुये पृष्ठ चम्पा लगभग बीच में पड़ती थी ।

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