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परिशिष्ट २
संदर्भ ग्रन्थ-सची
१. अध्यात्म सन्देश (हिन्दी) : कानजी स्वामी; ब. हरिलाल
__ प्राचार्यकल्प पंडित टोडरमल ग्रंथमाला, ए-४ बापूनगर, जयपुर २. अध्यात्म सन्देश ( गुजराती ) : कानजी स्वामी; 4. हरिलाल
श्री दि. जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट, सोनगढ़ । ३. प्रखं कथानक : बनारसीदास ; नाथूराम प्रेमी ; संशोधित साहित्यमाला,
ठाकुरद्वार, बम्बई-२, सन् १९५७ ई० ४. अलवर क्षेत्र का हिन्दी साहित्य [वि० सं० १७०० से २०००] :
(अप्रकाशित शोधप्रबन्ध, १६७२ ई.) डॉ० भीमप्रकाश चौधरी;
राजस्थान विश्वविद्यालय पुस्तकालय, जयपुर ५. रायगान मारा मि मायर का य रहार कार्यालय,
बम्बई, सन् १६१६ ई. ६. प्रात्मानुशासन : आचार्य गुणभद्र; डॉ. होरालाल जैन, प्रो. मा. ने.
उपाध्ये, पं० बालचंद सि. शास्त्री; जैन संस्कृति संरक्षक संघ,
शोलापुर, वि० सं० २०१८ ७. प्रात्मानुशासन : प्राचार्य गुणभद; पंडित बंशीधर शास्त्री; जैन ग्रन्थ
रस्नाकर कार्यालय, हीराबाग, गिरगांव, बम्बई ८. प्रास्मानुशासन भरवाटीका : पंडित टोडरमल; इन्द्रलाल शास्त्री,
जयपुर, वी० नि० सं० २४८२ ६. प.त्मानुशाप्तन (अंग्रेजी अनुवाद) : जे. एल. जैनी ; बो. कश्मीरीलाल जैन,
सब्जी मण्डी, दिल्ली, सन् १९५६ १० १०. आप्तमीमांसा : आचार्य समन्तभद्र; अनन्तकौति ग्रंथमाला, बम्बई ११. उक्तिव्यक्ति प्रकरण : सम्पादक - मुनि जिनविजय'; सिंधी जैन शास्त्र
शिक्षापीठ, भारतीय विद्या भवन, बंबई, वि० सं० २०१० १२. उत्तरी भारत को संत परम्परा : परशुराम चतुर्वेदी; भारतीय भण्डार,
लीवर प्रेस, इलाहाबाद, वि० सं० २०२१ १३. एनल्स एण्ड एन्दीक्विटीज प्राव राजस्थान : जेम्स टॉड; रोटलेज
एण्ड केगनपोल लिमिटेड, ६८/७४ कार्टर लेन, ई. सी. ४, लंदन