Book Title: Pandav Charitra Balavbodh
Author(s):
Publisher: ZZ_Anusandhan
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[105]
[धृतराष्ट्र-पांडु-विदुर-जन्म ] जायउ अंबादेविहि पुत्र
दीउ नाम धृतराष्ट्र निरुत्त कांई इक पुव्व-कंम-वीनांणि जनम-लगइ जायंध सु जांणि जि(?ज)णिउ अंबिका वली सुपुत्र धुर-लग पांडु-रोगि संजुत्त पांडु नाम दीधुं तेह-नई पांडु-रोग धुर-लग जेह-नई अंबालिका जि(?ज)णिउ सुत तेणि जाणीतु रांणे राएणि विदुर नाम दीधुं सुअ तास विद्या-कला-सरिस अभ्यास पंच पंच वउलियां जइ वरस गांगेउ बइठउ त्रिहुं सरिस काई इक पुव्व-नेह-इ(?)हिनांणि विद्या कला... भणावइ तांणि सकल-कला-ना हुआ सुजांण पोढा थिया प्राक्रम-परांण विचित्रवीर्य वीसरिउ उपदेस करइ पुण्य नवि कय लवलेस १४५ वली कांम सेवइ अत्यंत दिणि दिणि देह झुडी गई अंति खयन-रोग लागु जस अंगि विवनु राउ विलासि अणंगि मृत्यु-काज कीधां गांगेइ बोलाविउ धृतराष्ट्र गुणेइ वडु कुमर तुं वडु गुणे उ बइसि पाटि बोलइ गांगेउ धृतराष्ट्र भणि संभलि ताउ मझ राज्य-नु नहीं ए न्याउ हुँ जाचंध कहिउ धृतराष्ट्र पांडु-कुमर बइसारु पाटि पांडु-कुमर-रहइं दीधुं राज जांणे गांगेउ युवराज क्रमि ऋमि पांडु हुउ वृधिवंत तपइ राजि जिमि कमलिणि-कंत १४९
(धृतराष्ट्र-विवाह)
(बोली) जे विचित्रवीर्य-ना कुमार धृतराष्ट्र, पांडु अनइ विदुर, तीहना पाणिग्रहणचिंता गांगेउ-नइ मनि अपार हुई छइ ।
चिंता करु म चीतवु, अवर कु चिंतइ कांई। क्षीर पयोहरि जिणि ठविउ, बालक उदरि ठियाइ ॥
गांधार-देस, सबल राजा, तेह-नइ शकुनि बेटु । गांधारी-प्रमुख आठ बेटी, पणि आठइ अपछरा-समांना । केतलेई एके दिहाडे ते सबल-राजा दिवंगत हुउ । शकुनि राजि बइठु । पणि जे आठ बहिन छई, तीह-ना विवाह-तणी चिंता घणी । एक राज-चिंता । बीजी आठ बहिन-ना विवाह-नी चिंता । तिणि करी
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