Book Title: Panchtantram
Author(s): Vishnu Sharma
Publisher: Vishvanandikar Jain Sangh Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 12
________________ 244 246 247 249 251 - 252 255 ११ 257 257 पडजनसत्तायाः कुलटाब्राह्मण्याः कथा स्त्रीस्नेहासक्तवररुचिमन्त्रिकथा व्याघ्रचर्मावृत गर्दभकथा पतिधनजारपरिभ्रष्टकुलटाकथा मूर्खवानरोपदेशदानावाप्तकष्टायाः सुगृहायाः कथा शत्रुजिच्छृगालकथा विदेश प्रवासिसारमेयकथा पञ्चमं तन्त्रम् अपरीक्षितकारित्वम् । साधुधातकनापित कथा (मुख्या कथा) पुत्ररक्षकनकुलघातक ब्राह्मणी कथा (उपकथा १) लोभाभिभूत विप्रकथा बुद्धिहीनानां विनाशइति विषये ब्राह्मणचतुष्टयकथा एकबुद्धि-शतबुद्धि-सहस्रबुद्धि नामकमत्स्यत्रितयकथा संगीतकार गर्दभकथा स्त्रीबुद्धयनुसरणेन विनष्टस्य कौलिकस्य कथा अनागतचिन्तया वर्तमान विनाशकस्य विप्रस्य कथा हिसिते प्रतिहिसितविधायिनो वानरस्य कथा राक्षस-चौर-वानराणां कथा अन्धक-कुब्जक-त्रिस्तनी कथा राक्षसान्मुक्तिप्रापकस्य द्विजस्य कथा MrX90 259 261 267 269 270 273 276 277 283 285 . ॥११ 285 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 ... 324