Book Title: Panchsangraha Part 05
Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur

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Page 609
________________ प्रत्येक कर्म की उत्तर प्रक तयों के बंधादि स्थान : भयस्कार आदि प्रकार भूयस्कार अल्पतर अवस्थित अवक्तव्य कर्म का स्थान व संख्या प्रकृतिक नाम ज्ञानावरण | बंधस्थान १ ५ प्रकृतिक उदयस्थान १५ प्रकृतिक सत्तास्थान १ ५ प्रकृतिक | Xx X X X X nar or दर्शनावरण बंधस्थान ३ , ६, ४ प्रकृतिक उदयस्थान २ ४, ५ प्रकृतिक | सत्तास्थान ३ ६, ६, ४ प्रकृतिक roux orr soros XX a e Xxx xxo xx no Xxx or or or w s वेदनीय बंधर थान १ १ प्रकृतिक उदयस्थान ११ प्रकृतिक सत्तास्थान २ २,१ प्रकृतिक २२, २१, १७, मोहनीय | बंधस्थान १० १३, ६, ५, ४, ३ २, १, प्रकृतिक १, २, ४, ५, ६, उदयस्थान प्रकतिक २८, २७, २६, सत्तास्थान १५/२४, २३, २२, २१, १३, १२, ११, ५, ४,३, २, १ प्रकृतिक ec is X आयु बंधस्थान ११ प्रकृतिक उदयस्थान १ १ प्रकृतिक सत्तास्थान २ २, १ प्रकृतिक XXM XXn Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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