Book Title: Panchastikay Padyanuwada evam Tirthankar Stavan
Author(s): Ratanchand Bharilla
Publisher: Ravindra Patni Family Charitable Trust Mumbai

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Page 1
________________ प्रकाशकीय अध्यात्मरसिक पाठकों को यह जानकर प्रसन्नता होगी कि जिसतरह डॉ. हुकमचन्द भारिल्ल ने समयसार का अनुशीलन किया है और प्रवचनसार का अनुशीलन कर रहे हैं। उसीप्रकार पण्डित टोडरमल स्मारक ट्रस्ट के ट्रस्टी श्री सौभाग्यमलजी पाटनी के विशेष अनुरोध पर पण्डित श्री रतनचन्दजी भारिल्ल ने आचार्य कुन्दकुन्द के ग्रन्थ पंचास्तिकाय संग्रह का परिशीलन प्रारंभ किया है, जो अभी क्रमश: जैनपथप्रदर्शक के सम्पादकीय के रूप में प्रकाशित हो रहा है, पूरा होने पर ग्रन्थाकार भी यथासमय उपलब्ध होगा। पण्डित रतनचन्दजी भारिल्ल ने पंचास्तिकाय के परिशीलन के साथ उसकी मूल गाथाओं का सरल-सुबोध हिन्दी पद्यानुवाद भी किया है, जो परिशीलन के साथ तो छपेगा ही, पाठकों की सुविधा के लिए हम लघु पुस्तिका के रूप में भी प्रकाशित कर रहे हैं, कुछ ही समय में इसका संगीतमय कैसिट (सी.डी.) भी तैयार होगा। पुस्तिका के अंत में पण्डित रतनचन्द भारिल्ल कृत 'तीर्थंकर स्तवन' भी जोड़ दिया है। - ब्र. यशपाल जैन प्रकाशन मंत्री लेखक के अन्य महत्त्वपूर्ण प्रकाशन १. संस्कार (हिन्दी, मराठी, गुजराती) १५. शलाका पुरुष पूर्वार्द्ध (द्वितीय संस्करण) २.विदाई की बेला (हिन्दी, मराठी, गुजराती) १६. शलाका पुरुष उत्तरार्द्ध (नवीन संस्करण) ३. इन भावों का फल क्या होगा (हि. म., गु.) १७. ऐसे क्या पाप किए (२१ निबंध) ४. सुखी जीवन (हिन्दी) ( नवीनतम कृति) सम्पादित एवं अनूदित कृतियाँ ५. णमोकार महामंत्र (हि., म., गु., क.) १८ से २८. प्रवचनरत्नाकर भाग - १ से ११ तक (सम्पूर्ण सेट) ६. जिनपूजन रहस्य (हि.,म., गु., क.) २९. सम्यग्दर्शन प्रवचन ७. सामान्य श्रावकाचार (हि., म..गु.क.) ३०. भक्तामर प्रवचन ८. पर से कुछ भी संबंध नहीं (हिन्दी) ३१. समाधिशतक प्रवचन १. बालबोध पाठमाला भाग-१(हि.म.गु.क.त.अ.) ३२. पदार्थ विज्ञान (प्रवचनसार गाथा ९९ से १०२) १०. क्षत्रचूड़ामणि परिशीलन (नवीनतम) ३३. गागर में सागर (प्रवचन) ११. समयसार : मनीषियों की दृष्टि में (हिन्दी) ३४. अहिंसा : महावीर की दृष्टि में १२. द्रव्यदृष्टि (नवीन संस्करण) ३५. गुणस्थान-विवेचन १३. हरिवंश कथा (द्वितीय संस्करण) ३६. अहिंसा के पथ पर (कहानी संग्रह) १४. षट्कारक अनुशीलन ३७. विचित्र महोत्सव (कहानी संग्रह) प्रथम संस्करण : ५ हजार (१७ अक्टूबर, २००४) पंचास्तिकाय संग्रह पद्यानुवाद तीर्थंकर स्तवन विक्रय मूल्य : २ रुपये पद्यानुवादक : पण्डित रतनचन्द भारिल्ल शास्त्री, न्यायतीर्थ, साहित्यरत्न, एम.एम., बी.एड. इस पुस्तिका की कीमत कम करने हेतु साहित्य प्रकाशन ध्रुवफण्ड, पण्डित टोडरमल स्मारक ट्रस्ट, जयपुर की ओर से ५०००/- रु. प्रदान किए गए। लागत मूल्य ३/- रु. है। मुद्रक: प्रिन्ट 'ओ' लैण्ड बाईस गोदाम, जयपुर प्रकाशक रवीन्द्र पाटनी फैमिली चैरिटेबल ट्रस्ट, मुम्बई

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