Book Title: Panchamrut Author(s): Devendramuni Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay View full book textPage 4
________________ समर्पण जिन्होंने मुझे समय-समय पर उपदेश प्रधान मधुर कथाएँ सुनाकर मेरे जीवन का नव-निर्माण किया। जिनका पवित्र उपदेश मेरे लिए वरदान रहा, उन्हीं परम श्रद्धया मातेश्वरी महासती प्रतिमामूति श्री प्रभावती जी महाराज के पवित्र कर कमलों में Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 ... 170