Book Title: Paia Subhasiya Sangaho
Author(s): Bhavyadarshanvijay
Publisher: Padmavijay Ganivar Jain Granthmala

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Page 116
________________ 17. 835 नो देइ कोइ 190 | परुसो सक्कय बंधो... 287 पइदिअहं चिय 998 पवरेहिं साहणेहिं ... 985 पढमा आवस्सिया 849 पयइए जाऊणं 977 पणयालीसं आगम 893 पहसंत गिलाणेसुं पणसय सत्ततीसा 880 पाइअकव्वंमि .290 पणमित्तु पाइअकन्वुलावे पच्चक्खाणं पूआ पाएण होइ पीइ 970 पडिरुवाइ चउद्दस पायाले सुरलोए पन्नाऽण्णाण पायं विसया 596. पत्तेयं पत्तेयं 528 पावइ सुरनररिद्धि 872 पत्ते वसंतमासे 172 पावाओ विणिवत्ती 513 पत्थावे जंपिज्जइ 365 पाविजह 193 पंच नमुक्कारो खलु पावेइ य सुरलोयं पंचमा छंदणा नाम 850 पासपरिसंठियस्स पंथ समा नत्थि 397 पासत्थाइ वंदमाणस्स पम्हह सारणा 855 पिंडविसोही 867 पर आवयाए पुत्तो वि सत्त परउवयारपरेणं 292 पुरिसा विसय 576 परगुणगहणं पुरिसेण सहगयाए 960 परपत्थणा पुरिसे सच्च परमत्थओ / 209 पुरिसेण माणधवण परमत्थओ न ... 334 पुरिसो वि 704 परमहिला जणणीसमा . 32 पुवकयं परलोग निप्पिवासो . . 557 पुव्वुत्तगुण विऊत्ताणं . 247 परलोयगयाणं पि 271 प्आ जिणिंदे 762 पररिदिमच्छरेणं. . . 566 / पोसेइ सुहभावे ... 968 226 270 935 188

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