Book Title: Padsangraha Part 1
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Sukhlalji Ujamshi and Manilal Vadilal Sanand
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कदोन करवो क्रोधे कमवो क्लेशजो: सगां संबंधी मित्रादिकनी साथमां, रोसावानी टेव न राखो लेशजो. पिता. रमत गमतमा फोगट काळ न गाळबो, मातपिताने पूग करवां कामजोः समेल शठ मित्रोनी सोबत त्यागवी, बापरजो नहि श्रामे रस्ते दामजो. पिता. ५ नविष्यनी आबादी दोलत देशनी, देशोदय निशानी बालक धारजो; श्रक्षन्नक्ति देवगुरुमा राखजे, धरजे दीलमां धर्म कर्मनो प्यारजो. पिता.६ धर्मसूत्र सद्गुरुनी पासे शिखवां, देवगुरुने वंदन कर त्रिकालजोः केफी वस्तु दारु मांस निवारजे, सहुनो साथे करजे साचुं व्हालजो. पिता. क्रोध मान मायाने त्यागी टेकथी, सद्गुण माला कंठे धरजे सारजोः बुद्धिसागर एवा पुत्रो पाकशे, त्यारे श्राशे देशोदय नहारजो. पिता.
साणंद.
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