Book Title: Padmashree Dr KumarpalDesai Author(s): Santosh Surana Publisher: Anekant Bharti Prakashan View full book textPage 9
________________ अंग्रेजी में 'The Brave Heart' शीर्षक से अनूदित हुई और प्रकाशित हुई । इस पुस्तक की भूमिका गुजरात के समर्थ पू. मोटा तथा प्रसिद्ध क्रिकेटर विजय मर्चन्ट ने लिखी। ___ 'अपाहिज तन, अडिग मन' पुस्तक इलेक्ट्रोनिक मीडिया से बच नहीं सकी और इसका ध्वनि मुद्रण ऑडियो सी.डी. में रूपान्तरण अत्यन्त लोकप्रिय बना। विशेष रूप से प्रज्ञाचक्षुओं के लिए यह एक नई पहल के रूप में सराही गई। सुप्रसिद्ध उपन्यासकार कहानी लेखक जयभिक्खु' के सुपुत्र कुमारपाल देसाई ने अनेक कथा-संग्रह समाज को समर्पित किए हैं। इन कथा-संग्रहों में 'एकान्ते कोलाहल' ग्रंथ की लोकप्रियता को शब्दों की सीमा में बाँधा नहीं जा सकता। रचनाधर्मी व्यक्तित्व की विशेषता आपकी सृजनशीलता है। आपके ही शब्दों में-"सम्पूर्ण आकाश को अपनी आँखों में समा लेने की क्षमता रही थी। मन में एक ही भावना समाहित थी कि उस आकाश की गहराई और विस्तार को जान सकूँ...माप सकूँ।" . ऐसे बहुमुखी व्यक्तित्व के धनी जिनका साहित्य से जन्मजात सम्बन्ध रहा है। वर्तमान काल में जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में राजनीति का प्रवेश हो चुका है। समाज, साहित्यकार सभी संकुचित दायरों में बँट गए हैं, ऐसे समय में भी कुमारपाल इन सबसे परे और सबके होकर कमलवत् रह सके, यह आपके व्यक्तित्व की विशेषता है। प्रायः सभी अधिकतर विभागों में निर्विरोध चयन होना आपका अजातशत्रु होने का परिचायक है। ___कुमारपाल देसाई भारतीय संस्कृति, जैनदर्शन और जैन साहित्य के मर्मज्ञ हैं। प्रकृति-प्रिय इस चिन्तनशील लेखक ने चिन्तन लेखों के अनेक संग्रह समाज को समर्पित किया है। 'झाकल भीनां मोती' के तीन अंश 'मोतीनी खेती', 'मानवतानी महेक', 'तृषा अने तृप्ति', 'क्षमापना', 'श्रद्धांजलि', 'जीवन- अमृत', 'दुःखनी पानखरमां वसंतनो एक टहुको', (7)Page Navigation
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