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है । गुजरात समाचार में आप के द्वारा उपर्युक्त कॉलम के साथ-साथ 'आकाशनी ओळख', 'झाकळ बन्युं मोती', 'पारिजातनो परिसंवाद' जैसे अनेक स्थायी स्तम्भ नियमित रूप से लिखे जा रहे हैं। गुजरात यूनिवर्सिटी के पत्रकारत्व विभाग में अध्यापन द्वारा आप वर्षों से अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं। गुजरात की अनेक यूनिवर्सिटियों में भी आप पत्रकारत्व के पाठ्यक्रम के साथ जुड़े हुए हैं। 'अखबारी लेखन' के बारे में आपने 'साहित्य अने पत्रकारत्व' पुस्तक का सम्पादन भी किया है। आपको पत्रकारत्व के क्षेत्र में बहुमुखी प्रतिभा के लिए नवचेतन मासिक द्वारा 'नवचेतन रौप्यचंद्रक', पत्रकारत्व में विशिष्ट प्रदान के लिए 'श्री यज्ञेश ह. शुक्ल पारितोषिक', खेल-जगत के लिए पत्रकारत्व में महत्वपूर्ण योगदान के लिए नानुभाई सुरती फाउण्डेशन द्वारा ‘संस्कृति गौरव पुरस्कार', गुजरात दैनिक अखबार संघ द्वारा पत्रकारत्व में सत्वशील लेखन के लिए 'हरिॐ आश्रम एवॉर्ड' तथा शिष्ट, सात्विक एवं मूल्यलक्षी लेखन के लिए श्रीमद् राजचंद्र आध्यात्मिक साधना केन्द्र की ओर से 'संस्कृति संवर्धन सम्मान' प्रदान किए गए हैं।
ई. सन् 1984 से प्रतिवर्ष विदेशों में आयोजित व्याख्यानों की लोकप्रियता को नकारा नहीं जा सकता । इस क्षेत्र में आपकी प्रवृत्ति के अभिवादन स्वरूप इंग्लैण्ड की 14 भारतीय संस्थाओं ने मिलकर आपको 'हेमचंद्राचार्य एवॉर्ड' से सम्मानित किया था । तदुपरान्त आपके कैलोफोर्निया के जैन केन्द्र द्वारा ‘गौरव पुरस्कार', 'जैन ज्योतिर्धर एवॉर्ड', 'गुजरात रत्न एवॉर्ड' तथा सन् 1980 में जूनियर चैम्बर की तरफ से 'टेन आउटस्टैडिंग यंग पर्सनालिटी ऑफ इंडिया' पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। अमेरिका तथा केनेडा के सभी केन्द्रों को समाहित करने वाले फेडरेशन ऑफ जैन एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (जैना) द्वारा अमेरिका को छोड़कर अन्य देशों में जैन साहित्य में संशोधन एवं दर्शन के लिए महत्वपूर्ण कार्य करने वाले व्यक्तियों को दिया जाने वाला 'प्रेसीडेंट स्पेशल एवॉर्ड',
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