Book Title: Padmashree Dr KumarpalDesai
Author(s): Santosh Surana
Publisher: Anekant Bharti Prakashan

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Page 8
________________ के परिप्रेक्ष्य में दामोदर मेहता की कथा तथा चतुराई की बात का आलेखन किया। इसी प्रकार कच्छ की वीरता प्रदर्शित करती 'केडे कटारी, खभे ढाल' कोमी एकता विषयक 'बिरादरी', छोटे व्यक्तियों के साहस को प्रदर्शित करती 'हैयुं ना, हिंमत मोटी', 'नानी उमर, मोटुं काम', 'झबक दीवडी', 'मोतने हाथताली' जैसी अनेक पुस्तकें आपने लिखीं । चरित्र लेखन से प्रारम्भ करने वाले कुमारपाल देसाई ने 'वीर राममूर्ति', 'सी. के. नायडू', 'बालकोना बुद्धिसागर जी', 'भगवान ऋषभदेव', 'फिराक गोरखपुरी', 'भगवान मल्लीनाथ', 'आत्मज्ञानी श्रमण कहावे', 'भगवान महावीर', 'अंगूठे अमृत वसे', 'श्री महावीर जीवन दर्शन', 'मानवतानी महेक' (प्रेमचंद व्रजपाल शाह का जीवन-चरित्र), 'आफ्तोनी आधी वच्चे समृद्धिनुं शिखर' आदि अनेक गुजराती चरित्र-लेखन आपने लिखे हैं। इन चरित्र लेखों में आपने मुख्य रूप से चरित्र-नायकों के जीवन के महत्वपूर्ण प्रसंगों को रसप्रद लेखन शैली से पात्रों की जीवन्त छवि प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। परिणामस्वरूप ये चरित्र रसपूर्ण एवं सुवाच्य बन गए। कुमारपाल ने अपने पिता जयभिक्खु की जीवनी लिखी। जिसने गुजराती साहित्य में अपना एक विशिष्ट स्थान बनाया। इस जीवन चरित्र पर आधारित नाटक 'अक्षरदीपने अजवाले चाल्यो एकलवीर' का निर्माण हुआ है। जिसकी गुजरात एवं मुंबई में प्रस्तुति हुई और नाट्य-समीक्षकों एवं सर्जकों द्वारा इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा की गई तथा यह नाटक लोकप्रिय बना। बाल-साहित्य के क्षेत्र में विशिष्ट और सत्वशील अर्पण करने के बाद आपने प्रौढ़ साहित्य क्षेत्र की दिशा में भी कलम चलाई है। वास्तव में बाल-साहित्य के साथ-साथ आपका प्रौढ़ साहित्य-सर्जन, विवेचन, संशोधन भी खूब लोकप्रिय रहा। चारित्रिक साहित्य में विशिष्ट स्थान प्राप्त हो, ऐसी एक प्रेरक पुस्तक 'अपंगना ओजस' आपकी विशिष्ट कृति है। यह एक विशिष्ट घटना है कि इस पुस्तक का हिन्दी और अंग्रेजी में अनुवाद आपने स्वयं किया है। यह पुस्तक ब्रेल लिपि में 'अपाहिज तन, अडिग मन' और (6)

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