Book Title: Oswal Porwal Aur Shreemal Jatiyo Ka Sachitra Prachin Itihas
Author(s): Gyansundar Maharaj
Publisher: Ratnaprabhakar Gyanpushpamala
View full book text
________________
अमाप
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
(KRBATO
www.umaragyanbhandar.com
समकंपित नूतन श्रावकाने नेवेद्यादि थालसहित, आचार्य श्री को साथ ले, देवी समक्ष हुए क्रोधित नेत्रों से साक्षत आचार्य महाराज को देखा साक्षत और अपना मांस
मदिरा छुडाने वाले आचार्य देवसे बंदका केनेकी ठान ली।